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वात राव वीकैजीरी, बीकानेर वसायो तै समैरी
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पहली तो गढ कोडमदेसररी ठोड़ मांडणरो विचार कियो हतो, पण उठे तो टिग सगिया नही । तद राव सेखैनूं जाय पूछियो । को'म्हांने काई वसणनू जागा वतावो । " तद सेखै कह्यो - 'परैरी सी मांडी जागा ।" तद इंयां कह्यो- 'परा तो म्हे नही जावां । # ईयै मगर जागा देख वसस्या ।" तद सेखै कह्यो - ' तो थांहरी दाय आवै जठ रहो ।" तद जायगा देखता फिरता हुता ।' तद सांखलै नापै आ जागा दीठी' । अठै एक गाडर व्याई हती । 2° तैनू नाहर लागो है, पण ऊरणैर्ने गाडर ले रही । " तद नापै सांखलै राव वीकैजीनू बोलाय कह्यो - 'आ जायगा देखो ।' दद रावजी पधारिया । जायगा दीठी । आ जायगा खुस कीवी । तद अठे कोटरी नीव भराई । सवण ' * लैणनू नापो सांखलो अर कांन्हो गया । " श्राया । जठै हणै कोट छै तठे आया । " ग्रठे खुडियैरो उनाव हंतौ सुठे प्राय रातो-रात सूता 1 27 तद सवणी तो सरब भेळा हुवा । 18 घडी ४ चारैहेक अ सूता ।" तठै सिरांण इयांरै एक नाग आय, एक मुरटरो बूटो हुतो, तियेरै श्रोछो-दोळो हुई, अर पूछ हुती सु मुह में झाली अर इयै भांत बैठो छै । 22 औ परभात ऊठिया । तद नाप इयै" नागनू देख
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था,
I राव वीकाजीने पहिलेतो कोडमदेसर गावकी जगह गढ बनवाने का विचार किया पर वहा तो यह टिक नही सके । 2 हमे बसनेके लिये कोई स्थान बतलाओ । 3 यहा से कुछ दूर जा कर वसनेका स्थान बनालो । 4 दूर तो हम नही जायेगे । 5 इसी समतल भूमिमे कोई ठौर देख कर बस जायेंगे । 6 तो जहा तुम्हारी इच्छा हो वहा जा कर रह जाओ । 7 ये स्थान देखते फिर रहे थे । 8 यह । 9 देखी । 10 यहा एक भेडने वच्चा दिया था । II एक नाहर उसके पीछे पड़ा हुआ है, परंतु भेड़ बच्चे को बचा रही है ।
12 स्थान देखा । 13 यह जगह पसद की । 14 शकुन | I5 यहा । 16 जिस जगह इस समय कोट बना हुआ है उस जगह ग्राये । 17 यहां खुड्डोंका उनाव था यहा ही रातोरात था कर सो गये । 18 तब सर्व शकुनी भी यहा इकट्ठे हो गये । 19 चार घड़ी अनुमान ये सोये । 20 वहा इनके सिरहानेकी और मुरट नामक घासका एक क्षुप था जिसके चारो ओर गोलाकार रूपमे मुहमे पूछ पकडे हुए एक सर्प बैठा हुआ है। 21 ये प्रभातमे जग कर उठे । 22 इस 1