Book Title: Mukhvastrika Siddhi
Author(s): Ratanlal Doshi
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 16
________________ * विषय-सूची * क्र० विषय १. विनय २. मिथ्याभिमान महिमा ३. नाभा-शास्त्रार्थ पर एक दृष्टि ४. मुँहपत्ति रखने के कारण ५. वायुकायादि जीवों के रक्षणार्थ मुखवस्त्रिका की आवश्यकता ६. मुखवस्त्रिका जैन साधुओं का लिंग है ७. सप्रमाण सिद्धि उत्तरार्द्ध ८. मृगावती रानी और गौतमस्वामी ९. आचारांग के नाम से की गई कुतर्क का खण्डन १०. भगवती सूत्र के नाम से की गई कुतर्क का खण्डन ११. आचारांग के नाम से की गई कुतर्क का खण्डन १२. अङ्ग चूलिया के नाम से की गई कुतर्क का खण्डन १३. दशवैकालिक के अर्थ का अनर्थ से की गई - कुतर्क का खण्डन १४. आवश्यक के नाम से की गई कुतर्क का खण्डन १५. आवश्यक के नाम से की गई कुतर्क का खण्डन Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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