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अध्याय
1.
2.
विषय अनुक्रमणिका
विषय
क्रान्ति के लिये अग्रदूतों के योगदान
धर्म क्रान्ति के अग्रदूत
1. तीर्थंकर के स्वरूप
2. तीर्थंकरों के अवतरित होने के कारण
3. तीर्थंकर बनने का उपाय
4. मंगलमय पंच कल्याणक (गर्भ कल्याणक) 5. रत्नवृष्टि
6. सोलह स्वप्न
7. स्वप्नों का फल
8. जन्म कल्याणक
9. तीर्थंकरों के जन्म के 10 अतिशय
स्वेद रहितता, निर्मल शरीरता, दूध के समान धवल रुधिर, वज्रवृषभनाराच संहनन, समचतुरस्ररूप शरीर संस्थान, अनुपम रूप, नृप चम्पक की उत्तम गंध के समान गंध का धारण करना, 1008 उत्तम लक्षणों को धारण करना, अनन्त बल-वीर्य, हितमित एवं मधुर भाषण
10. जन्म संदेश प्रसार का वैज्ञानिक कारण
11. जन्माभिषेक
12. देव विक्रिया से निर्मित अद्भुत पूर्ण ऐरावत हाथी
13. जन्माभिषेक के लिये मेरु शिखर के लिये प्रयाण
14. भगवान् का जन्माभिषेक
15. अभिषेक कलशों का वर्णन
16. अभिषेक
17. तीर्थंकर का लाञ्छन
18. तीर्थंकर के आभूषण निर्माण करण्ड
19. तीर्थंकरों के गृहस्थ जीवन यापन
20. तीर्थंकरों के छद्मस्थ काल में आहार है परन्तु नीहार नहीं