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શ્રી શત્રુજ્ય " समरामाह की स्थापित की हुइ मूर्ति का मुसलमानोंने पीछे से फिर शिर तोड दिया। तदनन्तर बहुत दिनों तक वह मूर्ति वैसे ही-पंडित रूप में ही-पूजित रही। कारण यह कि मुसलमानोंने नइ मूर्ति स्थापन न करने दी। महमूद बेगडे के बाद गुजरात और काठियावाड में मुसलमानोंने प्रजा का बड़ा कर पहुंचाया था। मन्दिर बनवाने और मूर्ति स्थापित करने की बात तो दूर रही, तीर्थस्थलों पर यात्रियों का दर्शन करने के लिये भी जाने नहीं दिया . जाता था। यदि कोइ बहुत आजीजी करता था तो उसके पास से जीभर कर रुपये लेकर यात्रा करने की रजा दी जाती थी। किसी के पास से रुपये, किसी के पास से. १० रुपये और किसी के पास से पंक असरफी... इस तरह जैसी आसामी और जैसा मौका देखते वैसी ही लंबी जवान और लंबा हाथ करते थे। बेचारे यात्री बुरी तरह को सेजाते थे। जिधर देखी उधर ही बडी अंधाधुंधी मची हुई थी। न कोइ अर्ज करता था और न कोई सुन सकता था। कई वर्षों तक ऐसी ही नादिरशाही बनी रही और जैन प्रजा मन ही मन अपने पवित्र तीर्थ की इस दुर्दशा पर आंसु बहाती रही। सोलहवीं शताब्दि के उत्तरार्द्ध में चित्तोड की वीरभूमि में कर्मासाह नामक कर्मवीर भावक का अवतार हुआ, जिसने अपने उन वीर्य से इस तीर्थाधिराज का पुनरुद्धार किया। इसी महाभाग के महान् प्रयत्न से यह महातीर्थ मूच्छित दशा को त्याग कर फिर जागृतावस्था को धारण करने लगा और दिनप्रतिदिन अधिकाधिक उन्नत होने लगा। फिर नगद्गुरु श्री हीरविजयसरि के समुचित सामर्थ्य ने इसकी उन्नतिक गति में विशेष धेग दिया जिसके कारण यह भाज जगत् में मन्दिरों का शहर (The City of Temples) कहा जा रहा है।'
કમશાહ મૂલ વીરભૂમિ ચિત્તોડગના વાસી હતા. તેઓ મૂળ પ્રસિદ્ધ જૈન રાજા આમરાજના વંશજ હતા. તેમના પિતાનું નામ તેલાશાહ, માતાનું નામ લીલુલીલાદેવી હતું. તેમને રત્ન, પિમ, દશરથ, ભેજ અને કમ નામક પાંચ પુત્રે હત્ય, તેલાશાહ તે સમયના મેવાડના પ્રસિદ્ધ મહારાણા સાંગાના મિત્ર હતા.
તપગચ્છની પ્રસિદ્ધ રત્નાકર શાખાના ધર્મરત્નસૂરિ વિહાર કરતા એક સંઘની સાથે ચિતડ પધાર્યા. તે વખતે તેલાશાહે પિતાના પુત્ર કર્મશાહની સાક્ષીમાં પૂછયું કે મેં જે કાર્ય વિચાર્યું છે તે સફલ થશે કે નહિં? આચાર્ય પ્રશ્ન જઈને કહ્યું કે
૧. ઇ. સ. ૧૯૧૬ ના ફેબ્રુઆરી તા. ૧૪ ના “ટાઈમ્સ ઓફ ઈન્ડીયા માં મુંબઈના તે વખતના ગવર્નર લોર્ડ વિલીંગ્ડન( જે હમણાં વાયસરોય થયા હતા)ની કાઠિયાવાડની भुसारी प्रगट छ त ( The Governor's tour in The City of Temples) भभी वित्त वन प्रमट यथु छे.
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