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श्री माणिकचन्द जी जैन कासलीवाल, कलकत्ता के एक उदीयमान नवयुवक है आप अपने जीवन में एक साधारण व्यापारी के स्थान से मिल मालिक हुए है यह सब आपके ही व्यक्तिगत परिश्रम एवं पुरुषार्य का परिणाम है | आपकी उद्योगपति होने के साथ ही साथ धार्मिक भावना एवं रुचि भी उल्लेख योग्य हैं ।
हमारे महामंत्री जी पर्यं षण मे कई वर्ष हुए जब मैं कलकत्ता गया था आपसे जब उनको एक पुस्तक के प्रकाशन की सहायता स्वीकार की थी इसके बाद भी जब-जब उनसे आपके इस विषय की चर्चा हुई तब भी आपकी भावना उत्तरोत्तर प्रगतिशील ही मिली ।
जब वरैया - ग्रन्थमाला के प्रथम पुष्प के प्रकाशन का समय आया, इसके निमित्त कागज का सहयोग तो सासनी वालो से प्राप्त हो चुका था, सिर्फ छपाई आदि सम्बन्धी प्रेस के बिल के पेमेन्ट की बात ही शेष थी ।
आप दिगम्बर जैन संस्कृति सेवक समाज के सरक्षक सदस्य हैं तथा हमारे महामंत्री जी से आपका व्यक्तिगतस्व है आपने ही अपनी पूज्य माता जी श्रीमती पतासी देवी जी जैन धर्म पत्नी श्री रमनलाल जी जैन कामली बाल अलनियावास