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वर्तमान नैन मुनि परम्परायेंश्वेताम्बर तपागच्छीय परम्परा
नीचे भगवान महावीर स्वामी की पाट परम्परा देकर तपागच्छ संस्थापक ४४ ३ पट्टधर आचार्य श्री जगच्चन्द्र सूरिजी से तपागच्छ की पाट परम्परा दी जाती है । इस पाट परम्परा का सम्बन्ध वर्तमान में विद्यमान श्वेताम्बर तपागच्छीय मुनि परम्पप से बांधने का प्रयत्न करेंगे। निम्रन्थ गच्छ
१६ मानदेव सरि १ सुधर्मा स्वामी
२० मानतुंगसरि
२१ वीर सूरि २ जम्बू स्वामी ३ प्रभव स्वामी
२२ जयदेव सरि
२३ देवानन्द सूप ४ स्वयंभव सरि ५ गशोभद्र सूरि
२४ विक्रम सूरि
२५ नृसिंह सरि ६ सम्भुति विजय .त्यूलभद्रजी
२६ समुद्र सूरि
२० मानदेव सूरि ८ आर्य सुहस्तिसूरि
२८ विबुध प्रभसरि कोटिक गच्छ
२६ जयानन्दसूरि बार्य सुस्थित तथा सु प्रतिबद्ध सरि
३० रविप्रभसरि १० इन्द्र दिन सरि
३१ यशोदेवसरि ११ दिन सरि
३२ प्रद्युमसूर १२ आर्यसिंह सरि
३३ मानदेवसरि १३ वज स्वामी
३४ विमलचन्द्रसूरि १४ वन सेन सरि
वड़गच्छ चन्द्र गच्छ
३५ उद्योतनसूरि १५ चन्द्र सरि
३६ सर्व देवसरि वनवासी गच्छ
३७ देवसरि १६ सामन्तभद्र सूरि
३८ सर्वदेवसरि १७ वृद्धदेव सरि
३६ यशोभद्रसूरि १८ प्रद्योतन सरि
४. मुनिचन्द्रसरि
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