Book Title: Jain Shraman Sangh ka Itihas
Author(s): Manmal Jain
Publisher: Jain Sahitya Mandir

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Page 191
________________ जैन श्रमण-सौरभ ११ सं० २००७ में गुलाबपुरे में चार बडों ( आचार्य मरूधर केशरी पंडित रत्न श्री आनन्द ऋषि जी म० सा०, आचार्य श्री हस्तीमल मंत्री मुनि श्री मिश्रीमलजी म. जी म. सा., उपाध्याय श्री अमरचन्दजी म. सा० एवं आपका जन्म पाली (मारवाड़) में सं० १९५५ प्रवर्तक मुनि श्री पन्नालालजी म. सा.) का स्नेह श्रावण शुक्ला १४ का सोलंकी महता श्री शेषमलजी सम्मेलन हुआ। जिसम आप प्रमुख थे। आपने संघ सा० को धम पत्नि श्री मति केसरबाई की शुभ कुक्षि एक्यता के लिये अपये आपको श्रमण संघ के समर्पण से हुआ । वैराग्य भाव से रंजित होकर सं० १९७५ कर दिया। आपने स. २००८ में अजमेर में सादडो को वैशाख शु० अक्षय तृतीया के शुभ दिन सोजत में में होने वाले सम्मेलन के लिये भमिका निर्माण में युग प्रधान जैनाचार्य श्री रघुनाथ जो म० सा० के सहयोग दिया। सं० २००४ में बृहत साघु सम्मेलन सादडी ने सम्प्रदायानुयायि श्री बुद्धमलजी म. सा० से दीक्षा अंगीकार की। धार्मिक जनागमों और थोकडों के आपको चातुर्मास मन्त्री का कार्य भार सोंपा। सोजत खूब ज्ञाता बनकर आप श्री ने न्याय, व्याकरण,साहित्य में हुए बृहत् साधु सम्मेलन पर प्रान्तीय मंत्री के रूप आदि का अच्छा अध्ययन किया । व्याख्यान आपका में आपको जयपुर, टोंक, अजमेर, किशनगढ़ जिलों हृदय प्राहो, समाजोपयोगी, एवं आध्यात्मिक तत्वों के प्रान्त मंत्री का पद दिया एवं तिथि निर्णायक से संगर्भित होता है। आप श्री आशू कवि भी हैं। समिति के सदस्य भी बनाये। छोटे बड़े गद्य-पद्य में करीब १०० ग्रन्थों का निर्माण आपके सदुपदेशों से जैन समाज की जातियों के किया है। आपका प्रभाव मारवाड़ प्रान्त आदि में रीति रिवाजों में बड़ा भारी सुधार हुआ है। समाज बड़ा जबरदस्त है। आप श्री के सद् बोध से श्री के नैतिक और धार्मिक जीवन को ऊंचा उठाने के लौकाशाह जैन गुरुकुल सादडी, श्री वर्द्धमान जैन लिये आपने प्रचलित अनेक प्रयाओं का विरोध स्थानकवासी छात्रालय राणावास, एस० एस० जिनेन्द्र किया। बालविवाह, वृद्ध विगह, मोसर, आतिशबाजी ज्ञान मन्दिर सिरियारी, एस० एस. जैन गौतम गुरुकुल आदि के सम्बन्ध में प्रभाव पूर्ण प्रवचन करके समाज सोजत, एस० एस० जैन गौशाला जेतारण, एस. एस. को इनके दुष्परिणामों का भान कराया और इन .. जैन वीरदल विलाड़ा, पूज्य श्री रघुनाथ पुस्तकालय कुरीतियों को भग करके समाज में नवीन सुधार लाने सोजत, श्री बुद्धवीर जैन स्मारक प्रन्थमाला जोधपुर र की प्रेरणा दो : आदि अनेको संस्थाओं का संस्थापन हुआ है। समन्न ___भद्धय प्रान्त मंत्री गुरुवर्य श्री ने अपने सदुपदेशों के आप पूरे प्रेमी हैं। सादडी, सोजत, मीनासर, से जैन समाज में एक नई चेतना भर दी है । आपकी सम्मेलन में आप श्री का परिश्रम सर्व विदित हो चुच ज्ञान ज्योति के प्रकाश से सैंकों आत्माओं ने अपने मात्रा ने अपने है। आप जैन श्रमणों में एक प्रतिभाशाली मुनि हैं। खोये हुए मार्ग को पुनः प्राप्त किया । आपका उज्जवल आप वर्तमान में श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन चरित्र एका उत्तम कार्ग अन्य सभी मुनिराजों के लिये श्रमण संघ के मारवाड़ के प्रान्त मंत्री पद से बादर्श रूप अनुकरणीय है। विभूषित है। www.umaragyanbhandar.com Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat

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