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आचार्य श्रीमद विजय समुद्र सरीश्वरजी म० शिष्य सहदाय सहित
जैनाचार्य श्री मद् विजयसमुद्र सूरीश्वरजी म० - (परिचय पृष्ठ १४२ पर)
प्रथम पंक्ति ( खड़े हुए ) मुनि जितेन्द्र विजयजी, ज्ञान विजयजी, सुमन विजयी और विनीत विजयजी। दूसरी पंक्ति ( बीचमें ) गणिवर श्री जनक विजय जी, थाचार्य श्री समुद्रसूरिजी तथा मुनि श्री शिव विजयजी । तोसरी पंक्ति (बैठे हुए ) मुनि श्री शांति विजयजी बलवंत विजयजी, सुरेन्द्र विजयजी तथा न्याय विजयजी।