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वर्तमान जैन मुनि परम्परा
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उपयोगी
__इस साधु सम्मेलन में समस्त स्थानकवासी मुनियों श्री हजारीमल जी महाराज [डेगाना, परबतसर, का एक हो आचार्य और मन्त्री मण्डल के नेतृत्व में नागौर फलौदी, सांभर, शेरगढ़ साकड़ा मेड़ता पट्टी] एक सुदृढ़ संगठन बनाने का निश्चय किया गया। श्री पन्नालालजी महाराज [ जयपुर, टोंक,
भी के लिये एक समाचार तथा अन्य कई उपयोगी माधोपुर तथा अजमेर (राज्य] निर्णय किये गये।
६ श्री किशनलालजी महाराज [खानदेश, बरार, इस संगठन का नाम रहा-श्री वर्तमान म० प्रदेश बम्बई] स्थानकवासी जैन श्रमण संघ । संघ के पदाध. १० श्री विनय ऋषिजी महाराज [महाराष्ट्र,
मैसूर कारियों का चुनाव इस प्रकार हुआ:
__११ श्री फूल चन्दजी महाराज बगाल, बिहार, आचार्य- जैनधर्म दिवाकर सहित्य रत्न पूज्य श्री आसामी आत्मारामजी महाराज।
१२ मोतीलालजी महाराज [ स्वर्गीय ] तथा उपाचार्य- पूज्य श्री गणेशीलालजी महाराज। श्री पुष्कर मुनि जी म. [मेवाड़, पंच महाल]
प्रारम्भ में पूज्य श्री आनन्द ऋषिजी महाराज उपाध्याय-पं० श्री आनन्द ऋषिजी महाराज (२) ..
प्रधान मंत्री थे। वर्तमान में श्री मदनलालजी पं. भीप्यारचन्दजी महाराज (३) कविरत्न अमरचन्दा महाराज मंत्री पद संभाल रहे हैं। महाराज (४) ५० श्री हस्तीमलजी महाराज !
इस मत्री मंडल का प्रत्येक तीसरे वर्ष चुनाव प्रान्तीय मंत्री मंडल
होता रहता है । इस प्रकार स्थानकवासी समुदाय के १ मुनि श्री पृथ्वीचन्दजी महाराज ( अलवर, सुन्दर संगठन का अन्य जैन सम्प्रदायों पर, भरतपुर, यू०पी०)
समर। जैन समाज तथा अन्य धर्म संगठनों पर २ मुनि श्री शुक्ल चन्दजी महाराज (पंजाब पेप्सू) अच्छा प्रभाव पड़ा है। श्वेताम्बर मूर्ति पूजक मुनि
३ मनि श्री प्रेमचन्दजी महाराज [दिल्ली, बागड, समुदाय में भी इसी प्रकार का संगठन बनाने के हरियाणा, जंगलदेश)
प्रयत्न चालू हैं। ४ मुनि श्री सहस्त्रमल जी महाराज (आप स्वर्गवासी इस संघ में अभी गुजगत प्रदेश के मुनि पूर्ण हो गये हैं)। [मध्यभारत, ग्वालियर काटा रूपेण सम्मिलित नहीं हुए है यधपि प्रयत्न चाल
५ मुनि श्री पूर्णमलजी महाराज [ स्थलोप्रदेश ] हैं । ६ मनि श्री मिश्रीमल जी महाराज [ मारवाड़ भी कई अभी तक संघ के सदस्य नहीं बने हैं ।
____ जिन प्रदेशों के मुनि व सम्मिलित हुए हैं उनमें बिलाड़ा, जैतारण, सोजत देसूरी, पाली, सिवाना, वतमान स्थानकवासी मुनिवरों को नामावली यथा जोधपुर, जाजोर प्रान्त
समय प्राप्य न होने से भागे के पृष्ठों में देंगे।
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