Book Title: Jain Shasan 2000 2001 Book 13 Ank 26 to 48
Author(s): Premchand Meghji Gudhka, Hemendrakumar Mansukhlal Shah, Sureshchandra Kirchand Sheth, Panachand Pada
Publisher: Mahavir Shasan Prkashan Mandir
View full book text
________________
PMCONOMMONOMINCOMNONCONCONOMMONGONOMEONEONOMMONOMONOMANONNOINNAMONawoone evgovaonnovationantattootanatest
Veovowwwwwwwvolu06/160oCTata CHHA श्री पांय क्षमोहीभागवता संक्षिप्त परिचय श्रीजनशासन (वाडिs)*वर्ष १3* 3८/3८ *ता. २२-५-२००१
संयम स्वप्न देखने वाले एवं चातक की तरह संयम के - अध्ययन किया। श्री शत्रुजय, गिरनार, समेतशिखर, जैस उमेर आदि * प्यासे मुमुक्षु विकासकुमार के दीक्षामुहूर्त स्वीकार प्रसंग पर हुए | अनेक तीर्थो की यात्रा एवं श्री शत्रुजय महातीर्थ आदि की छ'री संघपू नादि की यादी. .
पालित पदयात्रा तथा एवं गुरुभगवंतो के साथ अन्य विहार आदि (१) चवीधर्मचंदजी किस्तुरचंदजी श्रीफल एवं रुपये की प्रभावना पद यात्रा करके दीक्षा की पूरी तैयारी की थी। सिद्धितप, वर्धमान (२) नेशकुमार चंदनमलजी हजारीमलजी रु. ५/
तप, मोक्षदंडक तप, नवपदजी की ओली आदि अनेक तप की (३) चलदासजी दानमलजी रु. २/
आराधना करके मन को दृढ बनाया है। (४) रघवी पुखराजजी किस्तुरचंदजी रु. २/
मुमुक्षु के कुटुंबीजन (५) रमलजी हजारीमलजी रु. २/
दादी - दादा : मणिबेन, चुनीलालजी महेता. ६) पालालजी चुनीलालजी रु. २/
माता - पिता : सुंदरबेन, अमृतलालजी. (७) सगरमलजी हजारीमलजी रु. २/
नानी - नाना : समरतीबेन, ताराचंदजी. (८) मैलापचंदजी हीराचंदजी रु. २/
बुआ - फुवाजी : समलाबेन, बाबुलालजी. (९) साजितमलजी वीरचंदजी रु. २/
मामी - मामा : नीताबेन, सुभाषचंद्र. (१०) एक सद्गृहस्थ रु. २/
बहेन - बनेवी : चंद्रिका, पारसमलजी. (११) सांकलचंदजी माणेकचंदजी रु. १/
साध्वी बहेन : साध्वीजी निवृत्ति रक्षिताश्रीजी. ६ (१२) भरतकुमारजी अमृतलालजी रु. १/
भाई
: शैलेष, अमिराव. बीड (१३) मेशचंदजी हीराचंदजी मरडिया रु. १/
भाणेज - भाणेजी : उदय - भूमिका. 8 (१४) जमलजी भगवानजी रु. १/
काकी - काका : लक्ष्मीबेन, शेषमलजी , श्री (१५) महेशकुमार धनराजजी मांडवीवाला रु. १/
प्रशनबेन, कान्तीलालजी श्री (१६) दिनेशकुमार बाबुलालजी पालनपुरवाला रु. १/
सुधाबेन, चंपालालजी (१७) मेशचंद्रजी जवानमलजी रु. १/
लताबेन, चंदनमलजी. श्री (१८) शिवलालजी जवेरचंदजी रु. १/- .
मासी - मासाजी : ललीता, जयचंदजी (१९) देनेशकुमार वीरचंदजी रु. १/
सज्जन, अंबालालजी मुमुक्षु शालिनीकुमारी का दीक्षा का मुहूर्त पू. गुरुदेव आ.
शोभा, दिलीपजी - भ. श्री विजय कमलरत्नसूरीश्वरजी म. सा. की वर्धमान तप की
बालिका, बाबुजी ही १००८ ओली की पूर्णाहुति के भव्य महोत्सव प्रसंग पर रेकार्ड रुप
गीता, दिनेशजी जनमेदी की उपस्थिति में पीडवाडा श्री संघ की उपस्थिति
अल्का, किरणजी. पीडवा में मुमुक्षु परिवारने ग्रहण किया एवं शालिनीबेन ने सोने
बाल मुमुक्षु सोनलकुमारी का परिचय s की गिन आदि से नवांगी गुरुपूजन किया एवं संघवी किस्तुरचंदजी पंचप्रतिक्रमण, नवस्मरण, जीवविचार आदि का अध्ययन
हंसराजानी एवं अमृतलालजी चुनीलालजी मेहता परिवार आदि के करके सम्यग्ज्ञान की उपासना की, श्री शत्रुजय, गिरनार, समे शिखर, 8 तरफ से अनेक संघ्र-पूजन हुए ऐसे सोनल बेन का भी दीक्षा मुहूर्त जैसलमेर, शंखेश्वर, आदि तीर्थों की यात्रा करके सम्यग्दर्शन को
दिया गया। संघ-पूजन आदि हुए । मुमुक्षु विकासकुमार, | निर्मल बनाया. सिद्धितप, १२ उपवास, नवपदजी की ओठी करके X शालिनी कुमारी, सोनमकुमारी की दीक्षा एक ही दिन पीडवाडा में | काया को कठोर बनाई। हई, उकी आकर्षक पत्रिका छपाई गई । उसका विवरण भी
मुमुक्षु के कुटुंबीजन एक सा दिया है।
दादी - दादा : पानीबेन, छोटालालजी मुमुक्षु शालिनीकुमारी का परिचय .. माता - पिता : सुमित्रा पारसमलजी
चप्रतिक्रमण, प्रकरण, भाष्य, सार्थ वैराग्य शतक, नानी - नाना : जमनीबेन, शंकरलालजी EX कर्मग्रन्थ शत्रुजयलघुकल्प, पंचसूत्र, संस्कृत बुक आदि सूत्रों का | भाई - भाभी : निल्केश, दिना MaowowollewooNOONCONOMOONOONCONCONOONCONOON.. PoowweweONNOONNONCONCONONYuweswinis SIGUIGUICO CUGIRUVCOV GOI GOI GJIGJU OVU IGRICOLE GOUVCSI CSICOLOGICI GOI GOI COMM UNIC
लताना