Book Title: Jain Itihas ki Prerak Kathaye
Author(s): Amarmuni
Publisher: Sanmati Gyan Pith Agra

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Page 9
________________ अनुक्रम १. ब्रह्मचारी दम्पती २. तीन गाथाएँ ३. धर्म का सार ४. वह क्रोध को पी गया ५. दीप जलता रहा ६. क्षमा का आराधक ७. दीप से दीप जले ८. आखिर, प्रश्न समाधान पा गया ६. कहाँ से कहाँ ? १०. दृढ़ प्रहारी : दृढ़ आचारी ११. शान्ति के मंगल सूत्र १२. अक्षय कोष मिल गया १३. अन्धकार के पार NR BESTRAM Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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