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ब्रह्मचारी दम्पती
विजय और विजया का कामविजेता के रूप में यह अद्भुत उदाहरण संसार के इतिहास में अपने ढंग का एक ही ज्योतिर्मय उदाहरण है। कितना कठोर संयम ! कितना उच्च मनोबल !! ब्रह्मचर्य का यह महान् आदर्श युग-युगान्तर के लिए अध्यात्म-प्रेरणा का कभी न बुझने वाला नन्दा-दीप सदा प्रज्वलित रहेगा।
- उपदेशप्रासाद, स्तंभ ६८६
प्रगवान महावीर
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