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प्रमाण देने की ज़रूरत नहीं । जैनधर्म का मामूली विद्यार्थी भी कह सकता है कि जो कार्य एक व्यक्ति के लिये धर्मविरुद्ध है वही दूसरे के लिये धर्मानुकूल भी हो सकता है ।
प्रश्न ( १२ ) - छोटे २ दुधमुंहे बच्चों का विवाह धर्म विरुद्ध है या नहीं ?
उत्तर- दुधमुहे अर्थात् विवाह के विषय में नासमझ बच्चों का विवाह नहीं हो सकता । समाज के चार आदमी भले ही उसे विवाह मान लें, परन्तु धर्मशास्त्र उसे विवाह नहीं मानता। जो लोग उसे विवाह मानते हैं उनका मानना धर्म विरुद्ध है । अगर ऐसे विवाह हो जायें तो उन्हें विवाह न मानकर उचित अवस्था में उनका फिर विवाह करना चाहिये । अन्यथा उनकी सन्तान कर्ण के समान नाजायज़ सन्तान कहलावेगी | विवाह के लिये वर कन्या में दो बातें आवश्यक हैंविवाह के विषय में अपने उत्तरदायित्व का ज्ञान और चारित्र मोहनीय के उदय से होने वाले राग परिणाम अर्थात् वह कामलालसा जो कि मुनि, श्रर्यिका श्रथवा उच्चवती न बनने दे । इन दो बातों के विना तीन लोक के समस्त प्राणी भी अगर किसी का विवाह करें तो भी नहीं हो सकता । जो लोग इन दो बातों के बिना विवाह नाटक कराते हैं वे धर्मद्रोही हैं। छोटी उमर में शास्त्रानुसार नियतविधि के अनुसार विवाह का नाटक हो सकता है, परन्तु विवाह नहीं हो सकता । क्योंकि जब उपादान कारण का सहयोग प्राप्त नहीं है तब सिर्फ निमित्तों के ढेर से क्या होसकता है ? विवाह के लिये शास्त्रानुसार नियत विधि की आवश्यकता अनिवार्य नहीं है, परन्तु उपर्युक्त दो बातें अनिवार्य हैं । गान्धर्व विवाह में शास्त्रानु