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अन्य भाषाओं में नाम
बं०- कुन्द, कुन्दफूल। क०-कुन्द । म० - मोगरा, कस्तूरी मोगरा । ता० - मगरंदम, मेलिगई। ते० - कुन्दम। ले०Gasminum Pubescens ( जेसिमिनम प्यूबिसेन्स) । ( वनौषधि चन्द्रोदय भाग ३ पृ० ६) उत्पत्ति स्थान- यह वनस्पति सारे भारतवर्ष में पैदा होती
है।
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विवरण - यह एक झाड़ीदार पौधा होता है। इसका वृक्ष मोगरे के वृक्ष की तरह होता है। इसके फूल भी मोगरे के फूल की तरह होते हैं मगर खुशबू में उससे कम होते हैं। (वनौषधि चन्द्रोदय भाग ३ पृ० ६)
अस्थिय
अत्थिय (अस्थिका) हडसंघारी, हडजोडी भ० २२।३ जीवा० १७२ ० १ ३६।१ अस्थिका के पर्यायवाची नाम -
अस्थि शृंखलिकायां तु शृंखला चास्थिका तथा ||६६९ ॥ अस्थिश्रृंखलिका, श्रृंखला, अस्थिका ये अस्थिश्रृंखला के पर्यायवाची नाम हैं। (सोढल नि० I श्लोक ६६९ पृ० ७६ ) अन्य भाषाओं में नाम
हि० - हडजोड, हडसंघारी, हडजोडी, हडजोरवा । बं० हाड़भांगा, हाडजोडा। गु० - हाडसांकल । म० काण्डबेल । क० - मंगरवल्ली । ते० - नाल्लेरू, नुल्लेरोतिगे। ता० - पेरंडै। ले०-Vitis Quadrangularis Wall (वाइटिस् क्वॉड्रन्ग्युलेरिस वाल) Fam. Vitaceae (वाइटेसी ) ।
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जैन आगम : वनस्पति कोश
उत्पत्ति स्थान- हडजोडी लता जाति की वनौषधि प्रायः गरम प्रदेशों में अधिक होती है। यह वाटिकाओं आदि में लगाई हुई अधिक पायी जाती है।
विवरण- जिस प्रकार लताएं वृक्षों की डालियों से लिपटी हुई फैलती हैं, उस प्रकार यह नहीं बढती पर वृक्षों का सहारा लेकर उस पर चढती और लटकती रहती हैं । काण्ड चौपहल हरा, बीच-बीच में संधियों से युक्त एवं मांसल होता है । संधियों पर सूत्र होते हैं और नवीन काण्ड संधियों पर तन्तुओं के विपरीत दिशा में पत्र होते हैं। पत्र एकान्तर, छोटे वृन्त वाले, हृद्वत्-चौड़े १ से २.५ इंच बडे, मोटे दन्तुर, उपपत्रयुक्त एवं संख्या में अल्प रहते हैं। पुष्प छोटे तथा हरित श्वेत वर्ण के आते हैं। फल गोल करीब ६ मि०मि० बड़े तथा चिकने होते हैं। दक्षिण की तरफ कोमल काण्ड एवं पत्तों का साग बनाकर खाते हैं । काण्ड तोडने पर बहुत रस निकलता है। (भाव० नि० गुडूच्यादिवर्ग० पृ० ४१८)
अप्पा अप्पा (आत्मन्) आत्मगुप्ता, कौंच
प० १२४०१४
विमर्श - प्रस्तुत प्रकरण में अप्पा शब्द वल्ली वर्ग के अन्तर्गत है । आत्मा का प्राकृत में अप्पा रूप बनता है। श्लोक की दृष्टि से कई जगह वनस्पतियों का आधा नाम दिया गया है। आधे नाम से भी उसकी पहचान हो जाती है। आत्मगुप्ता का आधा नाम आत्मा (अप्पा) है आत्मगुप्ता के पर्यायवाची नाम -
कपिकच्छू रात्मगुप्ता, स्वयंगुप्ता महर्षभी ।
लाङ्गूली कण्डूला चण्डा मर्कटी, दुरभिग्रहा ॥ १५१ ॥ आत्मगुप्ता, स्वयंगुप्ता, महर्षभी, लाड्डूली, कण्डूला, चण्डा, मर्कटी, दुरभिग्रहा ये कपिकच्छू के पर्यायवाची नाम हैं। ( धन्व० नि० १।१५१ पृ० ६० ) अन्य भाषाओं में नाम -
हि० - केवॉच, कौंच, कौंछ, केवाछ, खुजनी। बं०आलकुशी । म० खाजकुहिली, कुहिली, कवच । गु० - कवच, कौंचा। क० - नासुगुन्नी । ते० - पिल्ली, अडुगु । ता० - पुनाइक काली, पुनैक्कल्लि । पं० - कवांच, कूंच। अं०- Cowhage (काउहेज), Cowitch (काउइच) | ले० - Mucuna Pruriens
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