Book Title: Jain Agam Vanaspati kosha
Author(s): Shreechandmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text
________________
जैन आगम : वनस्पति कोश
प्राकृत शब्द
पणय
पत्त
पत्तउर
पयालवण
परिणय अंबग
परिली
पलंडू
पलंदू
पलास
पलिमंथ
पलिमंथ
पव्वय
पाई
पाडला
पाडलि
पाढा
पाणि
पाणि
पारावय
पारेवय
पालंका
पालक्का
पालियाय कुसुम पाववल्ली
पासिय
पिंडहलिद्दा
पिप्परि
पिप्पलि
पियंगु
पियय
पियाल
पिलुक्खरुक्ख
पीयकणवीर
पीया कणवीर पीबंधुजीव
Jain Education International
हिन्दी शब्द
काई
तेजपत्र
पतंग
चिरौंजी का वन
पक्का आम
(?)
प्याज
प्याज
ढाक
काला चना
काला चना
पहाडीतृण
पाचीलता, (पानडी)
पाढल
पाढल
पाठा
पानी बेल
गोविल बेल
फालसा
पालो
पालक का शाक
पालक का शाक
फरहद का फूल
माषपर्णी
पाशिका
गोलगांठ वाली हरिद्रा
पृष्ठ
पीपर
पीपर
प्रियंगु
विजयसार
चिरौंजी
१७५
१७५
१७६
१७६
१७७
१७७
१७७
१७८
१७८
१७६
१७६
१७६
१७६
१८०
१८०
१८१
१८२
१८३
१८३
१८४
१८४
प्राकृत शब्द
पीयासोग
पीयासोय
पीलु
पुण्णाग
पुत्तंजीवय
पुरोवग
पुलयइ
पुस्सफल
पूई
पूयफली
पूयफलीवण
पूसफली
पेलुगा
पोंडइ
पोंडरीय
पोक्खल
पोक्खलत्थिभय
पोडइल
पोदइल
पोरग
पोवलइ
१८५
१८५
१८६
१८६
१८६ फुसिया
१८६
फुसिया
१८७
बउल
१८७
१८८
१८८
पाकर
१८६
१८६
पीले फूल वाली कनेर पीले फूल वाली कर पीले फूल वाली दुपहरिया १६०
१६०
फणस
फणिज्जय
फणिज्जय
धु
बंधुजीव
बत्थुलगुम्म
बदर
बाउच्चा
बाण
बाणकुसुम
For Private & Personal Use Only
हिन्दी शब्द
पीला अशोक
पीला अशोक
पीलू
जायफल
जियापोता
फालसा
(?)
भूरा कुम्हडा
पोई
सुपारी
सुपारी का वन
कुम्हडी
सनजाति का पौधा
बोदरी
सहस्रदल वाला
अति श्वेतकमल
पद्मकंद
(?)
नलतृण
नलतृण
वांस की गांठ
(?)
कटहल
फांगला
सफेद मरुआ
सर्पकंकालिका लता
लज्जयंती
मौलसिरी
दुपहरिया
दुपहरिया
327
१६६
१६६
१६६
१६७
१६७
१६७
१६७
१६८.
१६६
१६६
२००
२०१
२०२
२०३
२०३
२०३
वावची
२०४
नीलपुष्प वाली कटसरैया २०५ नीलपुष्पवाली कटसरैया २०५
बथुआ
बेर
पृष्ठ
१६०
१६०
१६१
१६१
१६२
१६३
१६३
१६३
१६३
१६४
१६५
१६५
१६५
१६५
१६६
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370