Book Title: Jain Agam Vanaspati kosha
Author(s): Shreechandmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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जैन आगम : वनस्पति कोश
प्राकृत शब्द
हिन्दी शब्द
पृष्ठ
प्राकृत शब्द
हिन्दी शब्द
૧૬૨
तिमिर तिल
मेंहदी तिल
१६२
तुलसी
तुलसी
१६४
१६४
१६७
१६८
दंडा दंती दगपिप्पली दधिवासुय दमणग दव्वहलिया दाडिम दासी देवदारु धव धायइ नालिएरि निप्फाव नीली पउय पडोला
गंगेरन लघुदंती जलपीपल धमासा दौना दारुहल्दी अनार नील कटसरैया देवदार
૧૬૬ २०२ २०२ २०३ २०४ २०४ २०७
वेर
१६५
धौं
१६७
२०८
धाय नारियल मोठ
२०६ २०६
नील
भांग
२१२
१५० पुण्णाग
जायफल पुत्तंजीवय जियापोता १५३
पोई १५६
पूयफली (कंदुक्क) सुपारी १५७ फणस
कटहल १५८ फणिज्जय
फागला १४६ फणिज्जय
सफेद मरुवा १६० बउल
मौलसिरी १६१ बंधुजीवग
दुपहरिया १६३ बत्थुल
बथुआ १६४ बदर बाउच्चा
वावची १६६ बिभेलय
बहेडा बिल्ल
बेल १६८ बिल्ली
डिकामाली १७० बिल्ली
चिल्ली १७१ भंगी १७२ भंडी
मजीठ १७४ भत्तिय
चिरायता भद्दमुत्था
मोथा १७६ भल्लाय
भिलावा १७७ भुयरुक्ख
अखरोट १७८
मंडुक्कियसाग मंडूकपर्णी १७६ मंडुक्की
ब्राहमी मज्जार
लालचित्रक १८२ मधु
जल महुआ १८१ मधुररस
मुलहठी मल्लिया १८४ मसूर
मसूर १८५ महुसिंगी
गुडमार १८७ माउलिंग
बिजौरा १८७ माउलिंगी
चकोतरा १८६ माढरी
अतिविषा मालुय
काली तुलसी १६१ मास
उडद
२१४
२१५
पत्त
१७५
२१६
२१७ २१६
पत्तउर पयाल पलंडु पलिमंथु
वच मीठा परवल तेजपत्र पतंग चिरौंजी प्याज काला चना पानडी पाढल पाठा फालसा पालक फरहद
२२१
पाई
१८०
२२१ २२३ २२४ २२४ २२५ २२६
१८३
पाडलि पाढा पारावय पालंका पालियाय पिप्परि
बेला
२२८
पीपर प्रियंगु
पियंगु
पिलुक्खरुक्ख पीयकणवीर पीलु
पाकर पीला कनेर पीलु
२२६ २२६ २३० २३२ २३३
१८६
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