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जैन आगम : वनस्पति कोश
फेनिल, कुवल, घोण्टा और सौवीर ये बड़े बेर (राजबदर) के पर्याय हैं।
(भाव०नि० आम्रादिफलवर्ग पृ०५७१) अन्य भाषाओं में नाम
हि०-बड़ा बेर, पेबंदी बेर, लम्बे बेर | म०-राजबोर, पेबंदी बोर, अमदाबादी बोर | ग०-खारेक बोर, अजमेरी बोर, काशी बोर | बं०-नारकूल। अंo-Jujuba fruit (जुजुबा फुट) Loto phagi (लोटो फागी)। ले०-Zizyphus Sativa (जिजायफस सेटिवा) Zizyphus Lotus (जिजायफस लोटस)।
चौड़े, पत्रोदर हरितवर्ण, पत्रपृष्ठ श्वेत या पांडु वर्ण का। पुष्प हरिताभ श्वेत, २ इंच व्यास के गुच्छों में । फल आधा से डेढ इंच व्यास के गोल, मांसल या शुष्क, पहले हरे फिर पीतवर्ण तथा पूर्ण पकने पर लाल होते हैं। इनमें गुठली कड़ी गोल होती है। पुष्प शीतऋतु से पूर्व तथा फल शीतकाल फाल्गुन, चैत्र मास में आते हैं।
(धन्वन्तरि वनौषधि विशेषांक भाग ५ पृ०१८५)
बाउच्चा बाउच्चा (बाकुची) वावची
प०१/३७/२ बाकुची के पर्यायवाची नाम
बाकुची सोमराजी तु, सोमवल्ली सुवल्ल्यपि।। अवल्गुजा कृष्णफला, सैव पूतिफला मता ।।१६५ ।। चन्द्रलेखेन्दुलेखा च, शशिलेखा मता च सा।। पूतिकर्णी कालमेषी, दुर्गन्धा कुष्ठनाशिनी।।१६६ ।।
बाकुची, सोमराजि, सोमवल्ली, सुवल्ली, अवल्गुजा, कृष्णफला, पूतिफला, चन्द्रलेखा, इन्दुलेखा, शशिलेखा, पूतिकर्णी, कालमेषी, दुर्गन्धा और कुष्ठनाशिनी से सब बाकुची के पर्याय हैं।
(धन्व०नि०१/१६५,१६६ पृ०६४,६५)
A
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NAGAR
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पत्र
उत्पत्ति स्थान-इसके वृक्ष काश्मीर, पश्चिमोत्तर प्रदेश, ईराक, अफगानीस्थान तथा चीन में अधिक पैदा होते हैं।
विवरण-बदरकुल के इस मध्यम प्रमाण के कंटक युक्त २० फुट ऊंचे (बागी या बोए वृक्ष और भी अधिक ५० फुट तक ऊंचे) वृक्ष की शाखायें चारों ओर फैली हुई। छाल धूसर वर्ण की विदीर्ण या खुरदरी, बीच-बीच में कंटक युक्त; पत्र १ से १.२५ इंच के घेरे में गोल या लम्बगोल 3/४ से २.५ इंच लम्बे, ३/४ से २ इंच तक
FASE
बीज
शारव
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