Book Title: Jain Agam Vanaspati kosha
Author(s): Shreechandmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 298
________________ 278 जैन आगम : वनस्पति कोश नाम सरपत के हैं। (भाव०नि० गुडूच्यादिवर्ग० पृ० ३७६) उत्पत्ति स्थान-इसके वृक्ष हिमालय में, अन्य भाषाओं में नाम अफगानिस्तान से लेकर काश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हि०-भद्रमुंज, रामसर, सरपत, कंडा। भूटान तथा आसाम एवं वर्मा में, २००० से ६००० फीट कo-रामसपु, सरगोलु । सन्ताल०-सर ते०-वेल्लुपोनिक की ऊंचाई तक प्रायः समूह बद्ध होकर उगे हुए पाए जाते सिंध-सर। बं०-शर। म०-शर। पं०-करकाना। हैं। इसकी ४-५ जातियां भारतवर्ष में पाई जाती हैं जिनमें गु०-तीरकांस | ले०-Sacecharum munjaRoxb (संकेरम् से पा० एक्सेल्सा बाल, तथा पा. खास्या रायली मुख्य मुंज राक्स) Fam. Gramineae (ग्रॅमिनी)। उत्पत्ति स्थान-यह उत्तर भारत, पंजाब तथा गंगा के ऊपरी मैदान में उत्पन्न होता है। विवरण-यह तृणजाति की बहुवर्षायु वनस्पति प्रायः नदियों के किनारे गुच्छों में उगती है। यह १२ से १८ फीट तक ऊंचा होता है। पत्ते बहुत पतले-पतले, ५ से ७ फीट लंबे, ३/४ से १ इंच चौड़े तथा तीक्ष्णाग्र होते पत्र हैं। डंठल के अंत में पीताभ सफेद से रक्ताभ बैंगनी बारीक फूलों का घनहरा लगता है। इसके कांडपत्र तथा पत्रकोषों से निकाले रेशे काम में लिये जाते हैं। इसकी एक और जाति होती है जिसे मूंज कहा जाता है जो आकार प्रकार में छोटी होती है। (भाव० नि० गुडूच्यादि वर्ग० पृ० ३८०) 4U फल, सरल सरल (सरल) चीड, धूपसरलभ० २२/१५० १/४३/१ विमर्श-प्रस्तुत प्रकरण में सरल शब्द वलयवर्ग के अन्तर्गत है। इसकी छाल १ से २ इंच मोटी होती है। सरल के पर्यायवाची नाम सरल: पीतवृक्षः स्यात्, तथा सुरभिदारुकः।। विवरण-चीड़ के प्रकाशप्रिय विशालवृक्ष बहुत सरल, पीतवृक्ष तथा सुरभिदारुक ये सब संस्कृत सीधे (सरल) तथा १०० से १५० फीट ऊंचे होते हैं। स्तंभ नाम चीड के हैं। (भाव०नि० कर्पूरादिवर्ग० पृ० १६७) सीधा, गोल एवं घेरा ५ से ७ फीट या १२ फीट तक होता अन्य भाषाओं में नाम है। छाल खुरदरी, ऊंची नीची, गढेदार एवं १ से २ इंच हिo-धूपसरल, चिर, चीढ़, चीड । बं०-सरलगाछ, मोटी होती है। काष्ठ स्निग्ध तथा तीक्ष्णगंधी होता है। तापींन तैलेरगाछ। म०-सरल। गु०-सरल देवदार, पत्ते छोटी-छोटी टहनियों के अंत में ६ से १२ इंच लंबे, तेलियो देवदार । ता०-शिरसाल । नेपा०-धूपसलसी। पतले, कुछ-कुछ त्रिकोणयुक्त, हलके हरे रंग के एवं अ०-शज्रतुल्, बक, सनोवर हिन्दी। फा०-दरखने तीन-तीन के समूह में पाये जाते हैं। माघ से चैत्र तक वसक। अं०-Long leaved Pine (लॉग लीह्वड पाइन) फूलों के गुच्छे लगते हैं। एक वर्ष के उपरांत में इसके Chir pine (चीरपाइन)। ले०-Pinus Longifolia Roxb फल या डोडे पकते हैं। नरमंजरी प्रायः १/२ इंच लंबी (पाइनस् लॉगिफोलिया रॉक्स) Fam. Pinaceae (पिनॅसी)। और सामूहिक शंकाकार, फल एकाकी अथवा ३ से ५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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