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आलिसिंदग
आलिसिंदग (
ठा० ५/२०९. भ० २१/१५
अलिसिंदगा चवलया। स्था० वृत्ति पत्र ३२७ विमर्श - आलिसिंदग, आलिसंद और आलिसंदग ये सारे शब्द चवला अर्थ के वाचक हैं। स्थानांग वृत्ति और महाराष्ट्री तथा कन्नड़ भाषा के अलसंद शब्द के आधार पर निर्णय कर सकते हैं कि आलिसंद शब्द चवला का ही द्योतक है। राजमाष के पर्यायवाची नाम -
) चवला, राजमाष
राजमाषो महामाष चपलश्च बलः स्मृतः।
राजमाष, महामाष, चपल, बल ये राजमाष के संस्कृत नाम हैं। (भाव० नि० धान्यवर्ग पृ० ६४५ ) अन्य भाषाओं के नाम -
हि० - राजमाष, बोडा, चौरा, लोबिया । बं० - बरबटी, कलाय, , बर्बटी । म० - चवळया, अलंसदे। गु० - चोळा । क०अलसंदे। ते० - अलसन्दलु । ता०-करामणि । फा० - लोवह, लोबिया | अ० - फरिका, फिरीका। अं० - Chinese Beans (चाइनीज बीन) Cowpeas (कापीज) । ले०- Vignacatiang (विग्नाकॅटियङ्ग ) Fam. Leguminosae (लेग्युमिनोसी) ।
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लोबियां
उत्पत्ति स्थान- इसकी अनेक स्थानों पर खेती की जाती है। विवरण - यह वर्षायु अनेक मांसल पतले काण्ड के द्वारा
जैन आगम : वनस्पति कोश
जमीन पर फैलने वाला क्षुप है। पत्ते त्रिपत्रक एवं लम्बे वृन्त वाले, पत्रक बड़े, गहरे हरे एवं अंडाकार होते हैं। पुष्प पर्व से ३ से ६ एक साथ, एक इंच व्यास के श्वेत, हल्के, गुलाबी, हलके नीले रंगों के भेद से दो तीन प्रकार के होते हैं जो मुरझाने के समय भीतर से पीले होजाते हैं। फली पतली गोल एवं विभिन्न प्रकार के अनुसार भिन्न-भिन्न लम्बाई की होती है। लम्बी १८ इंच से २ फीट तक एवं छोटी ४ से ५ इंच तक हुआ करती है। बीज फली के अनुसार छोटे तथा बड़े एवं रंग के प्रकार के अनुसार क्रीम जैसे भूरे, फीके, लाल, हलके, बैंगनी या काले हुआ करते हैं । (भा०नि० पृ० ६४५)
आलुग
आलुग (आलुक) आलु आलुक के पर्याय वाची नाम -
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आरूकं वीरसेनश्च, वीरं वीरारुकं तथा । आरुकमप्यालुकं तत्कथितं वीरसेनकम्॥ ९४॥ आरूक, वीरसेन, वीर, वीरारुक, आरुक, आलुक, वीरसेन ये आलुक के संस्कृत के नाम हैं।
(भाव० नि० शाकवर्ग० पृ०६९४)
पौधा
अन्य भाषाओं में नाम
हि० - आलू । म०- बटाटा गु०-पापेटा। बं०- गोलालु । अं० - Potato (पोटाटो) ले० - Solanum Tuberosum' (सोलेनम ट्युबरोझम्)।
'मूल'
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एका
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