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हरीतक्यादिनिघण्टुः भा. टी. ।
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उत्पन्न होती है उसे पिंडखजूरिका कहते हैं । बौर जो खजूर दूसरी जातिकी गौके स्तन के समान आकारवाली, दूसरे द्वीपसे आई हुई पश्चिम देश में उत्पन्न होती है उसे छोदारा कहते हैं । इनको हिन्दी में खजूर, पिण्ड' खजूर और छुहारे, फारसी में तमरुरुतक और अंग्रेजी में Date Palm कहते हैं ।
तीनों प्रकारकी खजूरें - शीतल, रस और पाक में मधुर, स्निग्ध, रुचिकारक, हृदयको प्रिय, क्षत और क्षयको नष्ट करनेवाली, भारी, तृप्तिकारक, रक्तपित्तनाशक, पुष्टिकारक, विष्टम्भी, शुक्रवर्धक, कोठेकी वायुको हरनेवाली, बलकारक और धमन, वात, कफ, ज्वर, प्रतिहार, क्षुधा, तृष्णा, काल, श्वास, मद, वायु, पित्त, मद्यसे उत्पन्न हुए रोग इन सबको नष्ट करनेवाली हैं। छोटी खजूर बड़ी खजूरसे गुणों में न्यून है । खजूर के वृक्षों का इस मद तथा पित्तकारक, बात और कफको हरनेवाला, रुचिकारक दीपन और बलवीर्यवर्धक है ॥ १९६-१२२ ॥
पिण्डखर्जूरभेदः ( सुलेमानी ) ।
सुनेपाली तु मृदुला दलहीनफला च सा । सुनेपाली श्रमभ्रांतिदाह मूर्च्छास्रपित्तहृव ॥ १२३ ॥
सुनेपाली, मृदुला और दलद्दीन फला यह सुलेमानी खजूरके नाम हैं । सुलेमानी खजूर - श्रम, श्रीति, दाह, मूर्च्छा और रक्तपित्तको जीतने वाली है ॥ १२३ ॥
वातादः ।
वातादो वातवेरी स्यान्नत्रोपमफलस्तथा । वाताद उष्णः सुस्निग्वो वातघ्नः शुक्रकृद्गुरुः १२४ वातादमज्जा मधुरो वृष्यः पित्तानिलापहः । स्निग्धोष्णः कफकनेष्टो रक्तपित्तविकारिणाम् १२५
बाताद, वातवैरी और नेत्रोपफल यह बादाम के नाम हैं । इसको हिन्दी में बादाम, फारसी में बदामशीरी और अंग्रेजीमें Almond कहते