Book Title: Harit Kavyadi Nighantu
Author(s): Bhav Mishra, Shiv Sharma
Publisher: Khemraj Shrikrishnadas
View full book text
________________
हरीतक्यादिनिघण्टुः भा. टी. ।
( ४३९ )
३) नाग--सर्प (सांप ) द्विरद (हाथी), मेष ( मिंढा, ) सीक्षक (सीता) नागकेसर, नागवल्ली ( नागरवेल ) और नागदन्ती.
( ४ ) रस-मांस: द्रव, इक्षुरस ( ईखका रस ), पारद ( पारा ), मधुरादि ( मधुर आदि छः रस ), बालरोग ( बचोका एक रोग ) विष. और नीर ( जल ).
इति श्रीवैद्यरत्न पण्डित गमप्रसादात्मजविद्यालंकार - शिवशवैद्यकृत- शिवप्रकाशिकाभाषायां न स्यादिनि अनेकार्थवर्गः समाप्तः ।
Hundit
Hin
Aho ! Shrutgyanam

Page Navigation
1 ... 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490