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[ २१ ] नैतिक शिक्षा ! अरे मत बोवो पेड़ बबूल । क्योंकि तुम्हारे पग में चुभेंगे एक दिन तीखे शूल ॥ध्रु. दीन जनों का खून चूसकर मत ना बनो तुम स्थूल ।
रो- रो अँखियां फूलेंगी जब, मारेंगे जम रूल ॥१ मत ना छाती तान गर्व से, चलो अपनी सुध भूल ।
एक दिन उड़ जावोगे यहाँ से उड़े हवा से धूल ॥२ मत ना सता - सता कर सबको, करो अपने प्रतिकूल । पत्थर दिल को अब तो बनालो,
अति ही सुकोमल फूल ॥३ पुण्योदय से मिला यह नर-भव मतना खोवो फिजूल।
ब्याज जाय ऐसी तैसी में, रखलो केवल मूल ।।४ ५ अगर सदा सुख चाहते हो तो करलो कहन कबूल । पर उपकारों में ही हरदम । 'अमर' रहो मशगूल ।।
-(०)- प्यार का जमाना है ? ___ सबसे करिये प्यार,
___ प्यार का ही जमाना है ॥ध्रु. शुद्ध प्रेम में दिव्य शक्ति है, जिसका कछ ना पार
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