Book Title: Bhavanjali
Author(s): Amarmuni
Publisher: Veerayatan

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Page 58
________________ [ ५२ ] प्रशस्त प्रार्थना दर्शन प्रभो दिलाना शिवपुर बसाने वाले, दिल में सदा समाना कलिमल नसाने वाले ॥ध्र. १ गहरा अंधेरा छाया हूँढा न मार्ग पाया, दीपक जरा जलाना, तमको मिटाने वाले। २ सोये पड़े हैं सब जन, आलस्य में है तनमन । इस नींद से जगाना त्रिभुवन जगाने वाले । भव पाश में फंसे हैं सब और से कसे हैं। भ्रम - भाव से छड़ाना बंधन छड़ाने वाले । माया की मन्त्रणा में पशु है कुयन्त्रणा में। मानव अमर बनाना मानव बनाने वाले संगीतिका से ३ .. अ ४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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