Book Title: Bhavanjali
Author(s): Amarmuni
Publisher: Veerayatan

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Page 75
________________ [ ६६ ] मतना पीना नशैली तमाखू कभी मत ना पीना नशैली तमाखू कभी देती सुख ना जरा यह तमाखू कभी ॥ध्रु. १ जहर होता है भयंकर, इस तमाखू में सुनो नाम जिसका है निकोटायिन, हकीकत सब सुनो ज्यादह पीने से प्राणी को मारे कभी म. २ खून हो जाता है पतला, डाग पड़ते सीने में फेफड़े कमजोर हो जाते, हो संशय जीने में करती सूखा दिमाग तमाखू तभी म. रोग होते हैं अनेकों जिनकी कोई हद नहीं आँख पीड़ा पेट पीड़ा, मंदता होती सही पूरे डाक्टर हैं, जो वे बताते सभी म. नष्ट हो जाती है मति कमजोर होती धारणा होते हैं पागल भी इससे बात तुम सच मानना चक्कर आते हैं पीत शुरू में नभी म. ५ देश की पूरी रकम, बरबाद इसमें हो रही धर्म भी सारे अमर निन्दा करें क्यों भारही मतना देरी करो छोड़ो सारे अभी म. मु, खरद १६८८ चैत्र Jain Education International For Private & Personal Use Only f www.jainelibrary.org

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