________________
देखो और बदलो ४१
है कि मूल स्वामी को स्थान छोड़ने के लिए ललकार रही हैं। इन सब चेतनाओं को हटाना प्रयत्न- साध्य है ।
वीर्य आत्मा का दर्शन
आत्मा के द्वारा आत्मा को देखने का तीसरा अर्थ है-वीर्य आत्मा को देखें । शक्ति की आत्मा को देखें। जब हम चाहते हैं कि चंचलता को मिटायें और साथ-साथ चंचलता को उत्पन्न करने वाली चेतना को भी नष्ट करें तो हमें वीर्य - शक्ति का सहारा लेना होगा। शक्ति-शून्यता की अवस्था में इनसे निपटना सम्भव नहीं है। पूरी शक्ति चाहिए। इनको देखने में इतनी शक्ति अपेक्षित नहीं होती, किन्तु इनको नष्ट करने में शक्ति का संचय और प्रयोग अपेक्षित होता है ।
एक नाविक नाव को खे रहा था । एक पंडित उसमें बैठा था । कुछ दूर जाकर पंडित ने नाविक से पूछा - 'तुमने बायोलॉजी पढ़ी है?' उसने कहा - 'बायोलॉजी क्या बला है, मैं नहीं जानता ।' पंडित बोला- 'नाविक ! तुमने अपनी एक चौथाई जिन्दगी व्यर्थ गंवा दी। अच्छा, तुमने जूओलॉजी पढ़ी है ?" वह बोला, 'मालिक, मैं नहीं जानता, यह क्या होती है ।' पंडित ने कहा- 'तुमने आधी जिन्दगी यों ही खोयी ! अच्छा, क्या तुम सायकोलॉजी जानते हो?" नाविक बोला - 'बाबूजी ! ये 'लोजियां' मैं नहीं जानता ।' पंडित तत्काल बोल उठा - ' - 'तुमने अपनी पौन जिन्दगी गंवा दी।' इतने में ही एक तेज तूफान आया । नाव डगमगाने लगी । नाविक बोला - 'बाबूजी ! आप तैरना जानते हैं?" पंडित बोला- 'नहीं, मैंने तैरना सीखा ही नहीं ।' नाविक बोला - 'बाबूजी ! आपने सारी जिन्दगी फिजूल खो दी। अब डूबने-मरने के लिए तैयार हो जाओ ।'
जिसमें तैरने की शक्ति नहीं है, वह डूबने से नहीं बच सकता। वह कितनी विद्याएं पढ़ ले किन्तु डूबने से बचने के लिए तैरना ही सीखना होगा। दूसरी विद्याएं यहां कारगर नहीं होतीं ।
देखने की प्रक्रिया से हम अपनी क्षमताओं को जान सकते हैं, दुर्बलताओं को जान सकते हैं, अच्छाई और बुराई को जान सकते हैं, किन्तु जहां रूपान्तरण का प्रश्न आता है वहां केवल देखना - जानना पर्याप्त नहीं होता। वहां वीर्य- आत्मा से काम लेना होगा । हम यह अनुभव करें कि हमारे भीतर इतनी शक्ति है कि हम इन सब परिस्थितियों को समाप्त कर सकते हैं।
पहले हम वीर्य - आत्मा को देखें । प्रारम्भ में द्रष्टाभाव और ज्ञाताभाव जरूरी होता है । फिर हम वीर्य का प्रयोग करें । शक्ति का प्रयोग कर परिस्थिति से आने वाले सारे प्रभावों को ध्वस्त करें । वीर्य आत्मा का प्रयोग बहुत महत्त्वपूर्ण
है।
आज के विज्ञान के संदर्भ में हम शक्ति के रहस्य को समझें । विज्ञान ने
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org