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प्रेक्षा एक चिकित्सा है मनोरोग की ७५
नहीं । वह मालिक ही क्या जो नौकर के आदेश न मानने पर गुस्सा न करे? वह सेठ या ऑफिसर ही क्या जो अपने अधीनस्थ व्यक्ति को बरखास्त करना या छोड़ना न जाने ।
एक चौकीदार सेठ के पास आकर बोला- 'सेठजी ! आज आप यात्रा पर जा रहे हैं । आपने सारी तैयारियां कर ली हैं, किन्तु मेरा कहना है कि आज आप यात्रा पर न जाएं। अपनी यात्रा स्थगित कर दें ।' सेठ ने पूछा- ' - 'क्यों?' उसने कहा - 'मुझे आज रात को एक स्वप्न आया है । मैंने देखा है कि आप जिस ट्रेन से यात्रा करने वाले हैं, वह दुर्घटनाग्रस्त होगी। अनेक यात्री मारे जाएंगे । मेरा स्वप्न सत्य होता है । इसलिए आज आप यात्रा न करें ।' सेठ ने बात मान ली । यात्रा स्थगित कर दी। दूसरे दिन पत्रों में ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने का समाचार पढ़ा। सेठ ने चौकीदार को बुलाकर कहा - 'तुमने मुझे मृत्यु से बचा लिया, इसलिए ये सौ रुपये पुरस्कार स्वरूप देता हूं और साथ ही साथ मैं तुम्हें नौकरी से बर्खास्त करता हूं। क्योंकि मैंने तुम्हें रात को चौकीदारी करने के लिए रखा है, नींद लेने या सपने देखने के लिए नहीं ।' मानदण्ड अनेक : रोग अनेक
आदमी ने अनेक मानदण्ड बना रखे हैं । वह मानता है कि क्रोध और अभिमान करना भी जरूरी है, बड़प्पन का प्रदर्शन भी जरूरी है, अन्यथा बड़े बनने का अर्थ ही क्या? कपट करना भी जरूरी है । यदि कोई वंचना करना नहीं जानता, धोखा-धड़ी नहीं जानता, लोग उसे सरल या भोला समझकर ठग लेते हैं । जब देखते हैं कि सामने वाला कपटी है, तब सोचते हैं कि संभलकर बात करनी होगी । लोग सावधान रहते हैं, जीवन के ऐसे मूल्य बना रखे हैं कि उनसे सारी मानसिक बीमारियां उत्पन्न होती हैं । सचमुच व्यक्ति सापेक्षता को नहीं जानता । वह जीवन के हर क्षेत्र में सचाइयों को अस्वीकार करता जा रहा है । इसलिए ये कठिनाइयां उत्पन्न होती हैं ।
शरीर बीमार इसलिए होता है कि उसमें विष जमा होता है। जब विष अधिक जमा हो जाता है तब शरीर अधिक रुग्ण बन जाता है । विष निकालने का सबसे बड़ा साधन है - मल-मूत्र का विसर्जन । जब मल नियमित रूप से विसर्जित होता रहता है तब कोई बीमारी नहीं होती। जब शरीर में विटामिन 'बी' की कमी होती है, बी कॉम्प्लेक्स की कमी होती है तब कोष्ठबद्धता की बीमारी हो जाती है । यह शारीरिक बीमारी की बात है । कोष्ठबद्धता का यह भी कारण है कि आज का आदमी निस्सार भाग खाए जा रहा है और सार भाग फेंके जा रहा है। गेहूं में सार भाग है चोकर । वह उसे निकाल फेंकता है और फिर सारहीन भाग को खाता है । वह जानता हुआ भी यही करता है । ऐसा क्यों होता है? यह इसीलिए होता है कि हर जगह सचाई को झुठलाना
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