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समाधि और प्रज्ञा १७७
मौसम के साथ-साथ नहीं चलता किन्तु अपने साथ-साथ चलता है। हर आदमी मौसम के साथ चलता है। थोड़ी उत्तेजना का वातावरण होता है, दिमाग गर्म हो जाता है। थोड़ी प्रशंसा का, पूजा का, सम्मान का वातावरण होता है, आदमी बिलकुल ठंडा हो जाता है।
एक आदमी ढाबे में भोजन करने बैठा। पूछ लिया कि दाल में नमक तो ज्यादा नहीं है? रसोइया बोला-दाल में नमक तो ज्यादा नहीं है परन्तु नमक के अनुपात में दाल कम है। नमक को पूरा करने के लिए दाल ज्यादा चाहिए और फिर दाल को पूरा करने के लिए नमक ज्यादा चाहिए। यह चलता रहता है। एक मांग के लिए दूसरी मांग बराबर बनी रहती है। यह मांग होती है तो उसकी पूर्ति के लिए दूसरी मांग आती है और दूसरी मांग आ जाती है तो उसके लिए पहली मांग को ज्यादा बढ़ाना पड़ता है। मन का संतुलन नहीं रहता। जीवन-दिशा का परिवर्तन
समाधि से जीवन की दिशा बदलती है तो मानसिक पहलू में परिवर्तन होता है, मन संतुलित हो जाता है और मन का संतुलन होने पर घटना बड़ी नहीं बनती। मन का संतुलन नहीं होता, एक राई जितनी घटना पहाड़ जैसी बन जाती है। घटना अपने आप में कोई छोटी नहीं होती। घटना अपने आप में कोई बड़ी नहीं होती। जिसके मन का संतुलन नहीं होता वह छोटी घटना को भी बहुत बड़ा रूप दे देता है, भयंकर बना देता है और जिसके मन का संतुलन होता है वह बहुत बड़ी बात को एक मिनट में समाप्त कर देता है। मन का संतुलन चाहिए।
___ आचार्य भिक्षु से एक व्यक्ति ने पूछा-तुम कौन हो? उन्होंने कहा, 'मेरा नाम भीखण है।' 'अच्छा भिक्षुजी तुम हो। बहुत बुरा हुआ। तुम्हारा मुंह देख लिया। तुम्हारा मुंह देखने वाला नरक में जाता है।' आचार्य भिक्षु ने कहा-'तुम्हारा मुंह देखने वाला कहां जाता है?' उस व्यक्ति का अहंकार जाग गया। उसने कहा-'मेरा मुंह देखने वाला स्वर्ग में जाता है। आचार्य भिक्षु ने कहा-'बहुत अच्छा हुआ। तुमने मेरा मुंह देखा और मैंने तुम्हारा मुंह देखा। तुम्हारे लिए बुरा हुआ। मेरे लिए तो बहुत अच्छा हुआ कि मैं तो स्वर्ग में चला जाऊंगा।' यह बात वही व्यक्ति कह सकता है जिसके मन का संतुलन होता है। मन का संतुलन न हो और किसी को कह दे कि तुम्हारा मुंह देख लिया, नरक में जाऊंगा तो नरक में जाए या न जाए, पांच-सात चांटे तो जमा ही देगा। हां, नरक का नमूना तो वहीं दिखा देगा। जीवन की दिशा बदलती है, यह समाधि का तीसरा लाभ है। स्वभाव-परिवर्तन
समाधि की साधना का आध्यात्मिक पहलू यह है कि आदतें बदलनी शुरू
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