Book Title: Angpavittha  Suttani
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh

Previous | Next

Page 1373
________________ 1360 अंग-पविटु सुत्ताणि वागरणाणं समणेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे 50 ? जंबू ! दसमस्स अंगस्स समणेणं जाव संपत्तेणं दो सुयक्खंधा पण्णत्ता-आसवदारा य संवरदारा य / पढमस्स णं भंते ! सुयक्खंधस्स समणेणं जाव संपत्तेणं कइ अज्झयणा पणत्ता ? जम्ब ! पढमस्स णं सुयक्खंधस्स समणेणं जाव संपत्तेणं पंच अज्झयणा पण्णत्ता, दोच्चस्स गंते ! * एवं चेव, एएसि णं भंते ! अण्हयसंवराणं समणेणं जाव संपत्तेणं के अट्ठे पण्णत्ते ? तए णं अज्जसुहम्मे थेरे जंबूणामेणं अणगारेणं एवं वृत्ते समाणे जं० अणगारं एवं वयासी-जंब ! इणमो अण्हयसंवरविणिच्छयं पवयणस्स णिस्संदं / वोच्छामि णिच्छयत्थं सुहासियत्थं महेसीहि / / 1 // पंच. विहो पण्णत्तो जिणेहि इह अण्हओ अणाईओ। हिंसामोसमदत्तं अब्बं मपरिगह चेव // 2 // जारिसओ जंणामा जह य कओ जारिसं फलं देइ / जेवि य करेंति पावा पाणवहं तं णिसामेह // 3 // पाणवहो णाम एस पिच्चं जिणेहि भणिओ-पावो चंडो रुद्दो खुद्दो साहसिओ अणारिओ णिग्घिणो णिस्संसो महन्भओ पइभओ 10 अइभओ बोहणओ तासणओ अणज्जो उव्वेयणओ य गिरवयक्खो णिद्धम्मो णिप्पिवासो णिक्कलुणो गिरयवासगमणणिधणो 20 मोहमहन्भयपयट्टओ मरणवेमणस्सो 22 // पढमं अधम्मदारं // 1 // तस्स य णामाणि इमाणि गोण्णाणि होति तीसं, तंजहा-पाणवहो 1 उम्मूलणा सरीराओ 2 अवीसंभो 3 हिंसविहिंसा 4 तहा अकिच्चं च 5 घायणा 6 मारणा य 7 वहणा 8 उद्दवणा 6 तिवायणा य 10 आरंभसमारंभो 11 आउयकम्मस्सुव. दवो भेयणिटवणगालणा य संवट्टगसंखेवो 12 मच्च 13 असंजमो 14 कडग. मद्दणं 15 वोरमणं 16 परभवसंकामकारओ 17 दुग्गइप्पवाओ 18 पावकोवो य 19 पावलोभो 20 छविच्छेओ 21 जीवियंतकरणो 22 भयंकरो 23 अण. करो य 24 वज्जो 25 परितावणअण्हओ 26 विणासो 27 णिज्जवणा 28 लुंपणा 29 गणाणं विराहणत्ति 30 विय तस्स एवमाईणि णामधेज्जाणि होति तीसं पाणवहस्स कलुसस्स कडयफलदेसगाई // 2 // तं च पुण करेंति केई पावा असंजया अविरया अणिहुयपरिणामदुप्पयोगी पाणवहं भयंकर बहुविहं बहुप्पगारं परदुक्खुप्पायणप्पसत्ता इमेहि तसथावरेहिं जीवेहि पडिणि. विदा, कि ते ? पाठीणतिमितिमिगिलअणेगझसविविहजाइमंडक्कविहकच्छभणक्कमगरदुविहगाहदिलिवेढयमंडयसीमागारपुलुयसुसुमारबहुप्पंगारजलयरविहा. णाकए य एवमाई, कुरंगरुरुसरभचमरसंबरउरब्भससयपसयग्मेण रोहिय.

Loading...

Page Navigation
1 ... 1371 1372 1373 1374 1375 1376 1377 1378 1379 1380 1381 1382 1383 1384 1385 1386 1387 1388 1389 1390 1391 1392 1393 1394 1395 1396 1397 1398 1399 1400 1401 1402 1403 1404 1405 1406 1407 1408 1409 1410 1411 1412 1413 1414 1415 1416 1417 1418 1419 1420 1421 1422 1423 1424 1425 1426 1427 1428 1429 1430 1431 1432 1433 1434 1435 1436 1437 1438 1439 1440 1441 1442 1443 1444 1445 1446 1447 1448 1449 1450 1451 1452 1453 1454 1455 1456 1457 1458 1459 1460 1461 1462 1463 1464 1465 1466 1467 1468 1469 1470 1471 1472 1473 1474 1475 1476