Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 05 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 13
________________ x xxx ४३ ४४ ४५ ४६ ४७ ४८ ४९ ५० ५१ ५२ ५३ ५४ ५५ ५६ ५७ ५८ ५९ ६० ६१ ६२ गतिपरिणाम विशेषरूप वेदनादि का निरूपण प्रकारान्तरसे वेदना का निरूपण - छत्तीसवां पद विषयसंग्रहिणी गाथा का कथन समुद्घात का कथन - अतीत वेदनादि समुद्घात का निरूपणकादिकों के समुद्घात का निरूपणवेदनासमुद्घात विशेष का कथनकषायसमुद्घात का निरूपणमारणान्तिकसमुद्घातादि विशेष का निरूपण - नैरयिकों के समुद्घात का कथन समुद्घातगत जीवों के अल्पबहुत्व का निरूपणकषायसमुद्घात का निरूपण - क्रोधादि समुद्घात के अल्प बहुत्व का निरूपणछद्मस्थों के समुद्घात का कथनवेदनासमुद्घातगत जीवों के स्वरूप का निरूपणवैक्रियादिसमुद्घात विशेष का निरूपण - केवलसमुद्घातगत क्षेत्र का निरूपण केलीसमुद्घात के प्रयोजन का निरूपण केवलसमुद्घात का विशेष कथन सयोगावस्था में सिद्धि आदि के अभाव का कथन શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૫ समाप्त 卐 ८७५-८९४ ८९५-९०९ ९१०-९१४ ९१५-९२४ ९२५-९३६ ९३७-९४६ ९४७-९५० ९५८-९७३ ९७४ - ९८८ ९८९-१००३ १००४ - १०२८ १०२९-१०४२ १०४३ - १०५३ १०५४ - १०६१ १०६२-१०८४ १०८५-११०७ ११०८ - १११८ १११९-११३५ ११३६-११४१ ११४२-११६०

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