Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Part 05 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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__ श्री प्रज्ञापना सूत्र भाग पांचवें की विषयानुक्रमणिका अनुक्रमांक विषय
पत्रांक बाईसवां पद क्रिया के स्वरूप का निरूपण
१-२८ कर्मबन्ध का निरूपण
२९-३८ कर्मबन्ध हेतु क्रियाविशेष का निरूपण
३९-६६ क्रियाविशेष का निरूपण
६७-११३ षट्कायविशेष का निरूपण
११४-११९ प्राणातिपातविरमण का निरूपण
१२०-१५६ कर्मबन्ध अधिकार का निरूपण
१५७-१५८ तेइसयां पद कर्मप्रवृति भेद का निरूपण
१५९-१६१ कर्मबन्ध के प्रकार का निरूपण
१६२-१६७ कर्मप्रकृतिबन्धद्वार का निरूपण
१६८-१९२ सातावेदनीयादि कर्मानुभाव का निरूपण
१९३-२२४ कर्मप्रकृति का निरूपण
२२५-२७८ कर्मस्थिति का निरूपण
२७९-३१२ एकेन्द्रिय जातिनामस्थिति का निरूपणएकेन्द्रिय द्विन्द्रियादि प्रकृतिस्थिति के परिणाम का निरूपणआयुष्यकर्म का जघन्य स्थितिबन्ध का निरूपण
४३५-४४३ उत्कृष्ट काल स्थितिवाले ज्ञानावरणीय कर्मबन्ध का निरूपण- ४४४-४५६
चौवीसवां पद कर्मकृति बन्ध का निरूपण
४५७-४८५ पच्चीसवां पद १९ प्रर्मप्रकृति वेद का निरूपण
४८६-४९१ छब्बीसवां पद २० कर्मवेद बन्ध का निरूपण
४९२-५१९ सताईसवां पद २१ कर्मप्रकृति वेद वेद का निरूपण
५२०-५२७
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૫