________________
१०६]
[जीवाजीवाभिगमसूत्र ८. सहस्रार में
६ हजार विमानावास हैं ९-१०. आनत-प्राणत
४००
विमानावास हैं ११-१२. आरण-अच्युत ३०० विमानावास हैं नवग्रैवेयक ३१८ विमानावास हैं (प्रथमत्रिक में १११)
(द्वितीयत्रिक में १०७)
(तृतीयत्रिक में १००) अनुत्तरविमान
विमानावास हैं। चौरासी लाख सत्तानवै हजार तेईस ८४,९७,०२३ (कुल) विमानावास हैं।
प्रथम कल्प में ८४ हजार सामानिक देव हैं। दूसरे में ८०,०००, तीसरे में ७२,०००, चौथे में ७० हजार, पांचवें में ६०,०००, छठे में ५०,०००, सातवें में ४०,०००, आठवें में ३०,०००, नौवें-दसवें २०,०००, ग्यारहवें-बारहवें कल्प में १०,००० सामानिक देव हैं।
॥ प्रथम वैमानिक उद्देशक पूर्ण ॥ २००. सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु विमाणपुढवी किं पइट्ठिया पण्णत्ता? गोयमा! घणोदहिपइट्ठिया। सणंकुमारमाहिदेसु कप्पेसु विमाणपुढवी किंपइट्ठिया पण्णत्ता। गोयमा! घणवायपईट्ठिया पण्णत्ता। बंभलोए णं कप्पे विमाणपुढवी णं पुच्छा? घणवायपइट्ठिया पण्णत्ता। लंतए णं भंते पुच्छा? गोयमा तदुभयपइट्ठिया। महासुक्कसहस्सारेसुवि तदुभय पइट्ठि या। आणय जाव अच्चुएसु णं भंते! कप्पेसु पुच्छा? ओवासंतरपइट्ठि या। गेवेज्जविमाणपुढवी णं पुच्छा? गोयमा! ओवासंतरपइट्ठिया। अणुत्तरोववाइयपुच्छा? ओवासंतरपइट्ठिया।
२००. भगवन् ! सौधर्म और ईशान कल्प की विमानपृथ्वी किसके आधार पर रही हुई है ? गौतम! घनोदधि के आधार पर रही हुई है। सनत्कुमार और माहेन्द्र की विमानपृथ्वी किस पर टिकी हुई है? गौतम! घनवात पर प्रतिष्ठित है। ब्रह्मलोक विमान-पृथ्वी किसके आधार पर है? गौतम! घनवात पर प्रतिष्ठित है। लान्तक विमानपृथ्वी का प्रश्न? गौतम! लान्तक विमानपृथ्वी घनोदधि और घनवात दोनों के आधार पर रही हुई है। महाशुक्र और सहस्रार विमान पृथ्वी भी घनोदधि-घनवात पर प्रतिष्ठित है। आनत यावत् अच्युत विमानपृथ्वी (९ से १२ देवलोक) किस पर आधारित है? गौतम ये चारों कल्प आकाश पर प्रतिष्ठित हैं। ग्रैवेयकविमान और अनुत्तरविमान भी आकाश-प्रतिष्ठित हैं।
(संग्रहणी गाथा में कहा है-प्रथम, द्वितीय कल्प घनोदधि पर, तीसरा, चौथा, पांचवां कल्प घनवात पर, छठा-सातवां-आठवां कल्प उभय प्रतिष्ठित हैं, आगे नौवां, दसवां, ग्यारहवां, बारहवां