Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 02 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 242
________________ [ २२३ सर्वजीवाभिगम ] अपढमसमयसिद्धस्स णं भंते! अंतरं कालओ केवचिरं होइ ? गोयमा ! साइयस्स अपज्जवसियस्स णत्थि अंतरं । एएसि णं भंते! पढमसमयणेरड्याणं पढमसमयतिरिक्खजोणियाणं पढमसमयमणूसाणं पढमसमयदेवाणं पढमसमयसिद्धाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा ०? गोयमा ! सव्वत्थो वा पढमसमयसिद्धा, पढमसमयमणूसा असंखेज्जगुणा, पढमसमयनेरड्या असंखेज्जगुणा, पढमसमयदेवा असंखेज्जगुणा, पढमसमयतिरिक्खजोणिया असंखेज्जगुणा । एएसि णं भंते! अपढमसमयनेरइयाणं जाव अपढमसमयसिद्धाण य कयरे० ? गोयमा! सव्वत्थोवा अपढमसमयमणूसा, अपढमसमयनेरड्या असंखेज्जगुणा, अपढमसमयदेवा असंखेज्जगुणा, अपढमसमयसिद्धा अणंतगुणा, अपढमसमयतिरिक्खजोणिया असंखेज्जगुणा । एएस भंते! पढमसमयनेरइयाणं अपढमसमयनेरइयाण य कयरे० ? गोयमा ! सव्वथोवा पढमसमयनेरइया, अपढमसमयनेरइया असंखेज्जगुणा । एएसि णं भंते! पढमसमयतिरिक्खजोणियाणं अपढमसमयतिरिक्खजोणियाण य कयरे ०? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमसमयतिरिक्खजोणिया, अपढमसमयतिरिक्खजोणिया अनंतगुणा । एएसि णं भंते! पढमसमयमणूसाणं अपढमसमयमणूसाणं य कयरे० ? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमसमयमणूसा, अपढमसमयमणूसा असंखेज्जगुणा । जहा मणूसा तहा देवावि । एएसि णं भंते! पढमसमयसिद्धाणं अपढमसमयसिद्धाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमसमयसिद्धा, अपढमसमयसिद्धा अनंतगुणा । एएसि णं भंते! पढमसमयनेरइयाणं अपढमसमयनेरइयाणं पढमसमयतिरिक्खजोणियाणं अपढमसमयतिरिक्खजोणियाणं पढमसमयमणूसाणं अपढमसमयमणूसाणं पढमसमयदेवाणं अपढमसमयदेवाणं पढमसमयसिद्धाणं अपढमसमयसिद्धाणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वातुल्ला वा विसेसाहिया वा? गोयमा ! सव्वत्थोवा पढमसमयसिद्धा, पढमसमयमणूसा असंखेज्जगुणा, अपढमसमयमणूसा असंखेज्जगुणा, पढमसमयनेरड्या असंखेज्जगुणा, पढमसमयदेवा असंखेज्जगुणा, पढमसमयतिरिक्खजोणिया असंखेज्जगुणा, अपढमसमयनेरइया असंखेज्जगुणा, अपढमसमयदेवा असंखेज्जगुणा, अपढमसमयसिद्धा अनंतगुणा, अपढमसमयतिरिक्खजोणिया अनंतगुणा ।

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