Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan
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१३. इसी तरह (एकवचन की अपेक्षा से) (नैरयिक से लेकर) वैमानिक-पर्यन्त (चौबीस ही दण्डकों के लिए) कहना चाहिए।
१४. जब उपर्युक्त प्रश्न बहुवचन (बहुत-से जीवों) की अपेक्षा से पूछा जाए, तब (समुच्चय) जीव और एकेन्द्रिय को छोड़कर [शेष १९ दण्डकों में ] कर्मबन्ध-सम्बन्धी पूर्वोक्त तीन भंग कहने चाहिए।
13. The same (statement with respect to singular) should be repeated for all the twenty four Dandaks (places of suffering from infernal beings) up to Vaimaniks.
14. When the said question is asked in context of many living beings (with respect to plural) three alternatives about bondage of karmas should be stated with the exception of 'all beings' and 'one-sensed beings' (for the remaining nineteen Dandaks). हरिनैगमेषी की गर्भ-संहरण क्षमता EMBRYO TRANSPLANTATION CAPACITY OF HARINAIGAMESHI
१५. [प्र. ] हरी णं भंते ! नेगमेसी सक्कदूते इत्थीगन्भं साहरमाणे किं गब्भाओ गन्भं साहरति गभाओ जोणिं साहरइ ? जोणीओ गन्भं साहरति ? जोणीओ जोणिं साहरइ ?
[उ. ] गोयमा ! नो गभाओ गब्भं साहरति, नो गभाओ जोणिं साहरति, नो जोणीओ जोणिं साहरति, परामुसिय परामुसिय अव्वाबाहेणं अव्वाबाहं जोणीओ गभं साहरइ।
१५. [प्र. ] भगवन् ! इन्द्र (शक्र) का दूत हरिनैगमेषी देव जब स्त्री के गर्भ का संहरण करता है, तब क्या वह (१) एक गर्भाशय से गर्भ को उठाकर दूसरे गर्भाशय में रखता है ? (२) या गर्भ को लेकर योनि द्वारा दूसरी (स्त्री) के उदर में रखता है ? अथवा (३) योनि से (गर्भ को बाहर निकालकर दूसरी स्त्री के) गर्भाशय में रखता है ? या फिर (४) योनि द्वारा गर्भ को बाहर निकालकर (वापस उसी तरह) योनि द्वारा ही (दूसरी स्त्री के उदर में) रखता है?
[उ.] हे गौतम ! वह हरिनैगमेषी देव, एक गर्भाशय से गर्भ को उठाकर दूसरे गर्भाशय में नहीं रखता; गर्भाशय से गर्भ को लेकर उसे योनि द्वारा दूसरी स्त्री के उदर में नहीं रखता; यथा योनि द्वारा गर्भ को (पेट में से) बाहर निकालकर (वापस उसी तरह) योनि द्वारा दूसरी स्त्री के पेट में नहीं रखता; परन्तु अपने हाथ से गर्भ को स्पर्श करके, उस गर्भ को कुछ पीड़ा (बाधा) न हो, इस तरीके से उसे योनि द्वारा बाहर निकालकर दूसरी स्त्री के गर्भाशय में रख देता है। ___ 15. [Q.] Bhante ! When Harinaigameshi god, the emissary of Indra (Shakra), transfers an embryo from a woman's womb, does he (1) take it out (directly) from one womb and place it in another womb ? (2) Or does he take it out (directly) from one womb and place it in another womb through the uterus ? (3) Or does he take it out from one womb through the uterus and place it (directly) in another womb ? (4) Or does he take it
| पंचम शतक : चतुर्थ उद्देशक
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Fifth Shatak : Fourth Lesson 955555555555555555555555555555555
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