Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan

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Page 453
________________ நிமித்தமிழதமிததமி*********தமி***தமி*****VS टूटे और सड़े हुए दाँतों वाले, उद्भट घट के समान भयंकर मुख वाले, विषम नेत्रों वाले, टेढ़ी नाक वाले तथा टेढ़े-मेढ़े एवं झुर्रियों से विकृत हुए भयंकर मुख वाले, एक प्रकार की भयंकर खुजली वाले, कठोर एवं तीक्ष्ण नखों से खुजलाने के कारण विकृत बने हुए; दाद, एक प्रकार के कोढ़, सिध्म ( एक प्रकार के भयंकर कोढ़) वाले, फटी हुई कठोर चमड़ी वाले, विचित्र अंग वाले, ऊँट आदि-सी गति (चाल) वाले (बुरी आकृति वाले), शरीर के जोड़ों के विषम बंधन वाले, ऊँची-नीची विषम हड्डियों एवं पसलियों से युक्त, कुगठनयुक्त, कुसंहनन वाले, कुप्रमाणयुक्त विषम संस्थानयुक्त, कुरूप, कुस्थान में बढ़े हुए शरीर वाले, कुशय्या वाले ( खराब स्थान में शयन करने वाले), कुभोजन करने वाले, विविध व्याधियों से पीड़ित, स्खलित गति (लड़खड़ाती चाल) वाले, उत्साहरहित, सत्त्वरहित, विकत चेष्टा वाले, तेजोहीन, बार-बार शीत, उष्ण, तीक्ष्ण और कठोर वात से व्याप्त (संत्रस्त), रज आदि से मलिन अंग वाले होंगे। अत्यन्त क्रोध, मान, माया और लोभ से युक्त, अशुभ दुःख के भागी, धर्मसंज्ञा और सम्यक्त्व से प्रायः परिभ्रष्ट होंगे। उनकी अवगाहना उत्कृष्ट एक रत्निप्रमाण (एक मुंड हाथ भर) होगी। उनका आयुष्य (प्रायः) सोलह वर्ष का और अधिक से अधिक बीस वर्ष का ( परमायुष्य) होगा। वे बहुत से पुत्रपौत्रादि परिवार वाले होंगे और उन पर उनका अत्यन्त स्नेह (ममत्व या मोहयुक्त) होगा। इनके ७२ कुटुम्ब बीजभूत ( आगामी मनुष्यजाति के लिए बीजरूप) तथा बीजमात्र होंगे। ये गंगा और सिन्धु महानदियों के बिलों में और वैताढ्य पर्वत की गुफाओं का आश्रय लेकर निवास करेंगे। 33. [Q.] Bhante ! During that period what will be the forms (things and conduct) and appearances (modes or variety of conduct and things) of human beings that will evolve in Bharat-varsh? [Ans.] Gautam ! During that period human beings in Bharat-varsh will have bad shape, bad colour, bad smell, bad taste and bad touch. They will be anisht (not desirable), akaant (not beautiful)... and so on up to... amanojna (not attractive). They will have meek, humble, anisht (not desirable)... and so on up to... amanojna (not attractive ) voice. They will have repulsive and offending speech. They will be shameless, deceitful, crafty as well as quarrelsome and will indulge in killing, capturing, animosity and vengeance. They will be ready to violate modesty, indulge in misdeeds, disobey orders of seniors (including parents) and will be devoid of humility. They will be grotesque with grown nails, hair, beard, moustache and body hair. They will be black complexioned with unkempt and untidy hair of black, yellow and white colours. They will have detestable appearance with bunched, sinews, contracted and contorted limbs covered with folds and wrinkles. Like ageing persons, they will have few, broken and decayed teeth, repulsive mouth like a deformed pitcher, terrible eyes, curved nose and a wrinkle filled सप्तम शतक छटा उद्देशक फ्र Jain Education International (403) For Private & Personal Use Only Seventh Shatak: Sixth Lesson www.jainelibrary.org

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