Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Amarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Padma Prakashan
View full book text
________________
))))))))))))))))))))))5555555555555555555558
5555555555555555555555555558
१०. [प्र. ] भगवन् ! क्या छद्मस्थ मनुष्य निद्रा लेता है अथवा प्रचला नामक निद्रा लेता है ? [उ. ] हाँ, गौतम ! छद्मस्थ मनुष्य निद्रा लेता है और प्रचला निद्रा (खड़ा-खड़ा नींद) भी लेता है।
10. (Q.) Bhante ! Does a person with finite cognition (chhadmasth) sleep (nidra)? And does he sleep standing (prachalanidra)?
[Ans.) Yes, Gautam ! A person with finite cognition (chhadmasth) ___sleeps (nidra) and he sleeps standing (prachala nidra) also.
११. जहा हसेज्ज वा तहा, नवरं दरिसणावरणिज्जस्स कम्मस्स उदएणं निदायंति वा, पयलायंति वा। से णं केवलिस्स नत्थि। अन्नं तं चेव।
११. जिस प्रकार हँसने (और उत्सुक होने) के सम्बन्ध में प्रश्नोत्तर बतलाए गए हैं, उसी प्रकार निद्रा और प्रचला-निद्रा के सम्बन्ध में (छद्मस्थ और केवली मनुष्य के विषय में) प्रश्नोत्तर जान लेने 卐 चाहिए। विशेष यह है कि छद्मस्थ मनुष्य दर्शनावरणीय कर्म के उदय से निद्रा अथवा प्रचला निद्रा लेता है + है, जबकि केवली भगवान के वह दर्शनावरणीय कर्म नहीं हैं; इसलिए केवली न तो निद्रा लेता है, न ही ॐ प्रचला-निद्रा लेता है। शेष सब पूर्ववत् समझना चाहिए।
11. The statements about laughing (and being inquisitive) should be repeated here about nidra and prachala nidra. The difference is that a 4. chhadmasth sleeps due to fruition of perception deluding karmas si
(Darshanavaraniya karma), whereas the omniscient (Kevali) is free of
perception deluding karmas, therefore he neither sleeps nor sleeps 4 standing. All other details are as aforesaid.
१२. [प्र. ] जीवे णं भंते ! निद्दायमाणे वा पयलायमाणे वा कति कम्मपगडीओ बंधति ? [उ. ] गोयमा ! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा।
१२. [प्र. ] भगवन् ! निद्रा लेता हुआ अथवा प्रचला निद्रा लेता हुआ जीव कितनी कर्मप्रकृतियों F को बंध करता है?
[उ. ] गौतम ! निद्रा अथवा प्रचला निद्रा लेता हुआ जीव सात कर्मों की प्रकृतियों का, अथवा आठ ॐ कर्मों की प्रकृतियों का बन्ध करता है।
12. (Q.) Bhante ! While taking nidra and prachala nidra how many types of karma species does a living being bind ?
[Ans.] Gautam ! He binds seven or eight types of karma species. १३. एवं जाव वेमाणिए। १४. पोहत्तिएसु जीवेगिंदियवज्जो तियभंगो।
白F $ $$$$$$$$ $$ 55 5听听听听听听听听听听听听听$$ $$$$$$$$$$$$$$$5555
भगवती सूत्र (२)
(48)
Bhagavati Sutra (2)
ब)
B
5
)))
)))
))))))
))
))
)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org