Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Part 03
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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स्थानाङ्गसूत्रान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः
मंथं
३७४
१४७ ४०२
२१०
०
०
५९८
३१०
विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः | विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः मंते
६७८ | मज्झत्थभावभूत ६४९ मणपजवनाण ५४,१८८,४६४ मंतसोते ४४९ मज्झिम १८०, २६६, ५५३ | मणपज्जवनाणअरहा
२२० ६५२ | मज्झिमउवरिमगेवेज्ज
मणपज्जवनाणकेवली २२० मंदए
विमाणपत्थडे २३२ मणपडिसलीण २७८ मंदमणे २८१ मज्झिमगा ३९६ मणपणिधाण
२५५ मंदर १००, २०५, ३०६, मज्झिमगाम
५५३ | मणपणिहाण ४३४, ५५५, ६४३, मज्झिमगेवेजविमाणपत्थडे २३२ मणपरितारणा ६८९, ६९३, ७५५ मज्झिमपरिसा २६०, ५०६ मणपरियारगा
१२४ मंदरचूलिआओ ३०६ | मज्झिमपुरिसा
१३७ मणपुन्न
६७६ मंदरचूलिता ४३४, ७५० मज्झिममज्झिमगेवेज- | मणविणए
५८५ मंदरचूलिया २९९, ६३९, ६४० विमाणपत्थडे २३२ मणस मंदा २८१, ७७२ मज्झिमहेट्ठिमगेवेज
मणसंकिलेस मंस २०९,२७४,६७४,७१४ विमाणपत्थडे २३२ मणसंवर मंसाणुसारी ५३३ मज्झिल्ला
३८३ | मणसंजम मक्का ५०७, ५०८ मट्टियागोले
३५० | मणसमिती
६०३ मक्कार ५५७ मट्टियापादे
१७८ मणसवयसकाइए ६९३ मगसिर
९५, २२७ मडंब १०६, ३९४, ६७३ मणसुप्पणिहाण १४७, २५५ मग्गंतराएणं
३५४ मण १३,३१,३२५,७४३ मणामस्सरे मग्गओ ३५५ मणअकिंचणता ३१० मणाम
७५, ५९७ मग्गतो पडिबद्धा १६५ मणअगुत्ती
१३४ मणिकंचण
६४३ मग्गसण्णा
७३४ मणअपडिसंलीण २७८ मणिकंचणकूड ८७, १००, मघवं
७१८ मणकरणे मघा ५४६, ५८९, ६२४ | मणगुत्ती
१३४ मणिपेढिता
३०७ मच्छबंधा ५५३ मणचियात
३१० मणि-मोत्ति-सिल-प्पवाल ६७३ मच्छा ४५३ मणजोगी
३६५ मणियंगा ५५६, ७६६ मज्ज ६७४ मणजोगे
मणरियण
५५८ मज्जति २८१ मणदंड १३४ मणी
३३८ मज्जपमाते
५०२ मणदुप्पणिहाण १४७, २५५ मणुण्ण(न) ७५, १३३, २२१, मज्झगार ५५३ मणपओग
१३२
५३३, ६२३ मज्झचारी ___ ३५०, ४५३ मणपओगकिरिया १९३ | मणुन्नसंपओगसंपउत्ते . २४७ मज्झजिब्भाते ५५३ मणपजवणाणजिण २२० मणुयगती
४४२
५९७
१३२
५२२
०
०
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