Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Part 03
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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षष्ठं परिशिष्टम् ।
२१९
जय
७८६
विशेषनाम पृष्ठाङ्कः विशेषनाम पृष्ठाकः विशेषनाम
पृष्ठाङ्कः जम्बूस्वामी २९२,३०१,६६७ | नन्दिषेण ८१६,८७२ | प्रसन्नजित्
७८६ ८२५ | नमि ८७६ प्रिया
८८१ जराकुमार
नलदाम
४४१ | फल्गुरक्षित जरासन्ध ४३५ नाग
| बलभद्र जितशत्रु ६८७,६८९,८७२,८७६ नागदत्त
४३६ | बलश्री जिनदेव [गणि] ९०७ |नाभेय
| बहुपुत्रिका
८८१ तिष्यगुप्त
नारायण ६६७ | बाहुबलिन्
८८७ तेतलि
८७७ निन्नक ८७२ | बिभेल
८८१ तेन्दुक ७०४ | नेमिनाथ] ६६७,७३९,७४४ | बृहत्कुमारिका
४३७ त्रिशिला ८९९ |पद्म ६६७ | बृहस्पतिदत्त
८७२ दशार्णकूट ८७७ | पद्मप्रभ
५३० | ब्रह्मदत्त १६९,३०७,४०३, दशार्णभद्र ८७७,८७८ पद्मावती
६८८,७४४ | ४३३,४३४,४८३,६८७,८२५ दशाह ४३५ | पाटलिषण्ड
८७२ भद्रबाहु ८०७, ८८१ दारुक ७८८ |पाण्डव
८८७ भद्रा
७८५,८७२,८७७ दुर्बलिकापुष्पमित्र ७०९ | पार्श्वनाथ ५५४,६३०,८८०,९०६ | भरत
७९,३०५,३११, दुर्योधन ८७२ पास
४०३,५६१,६३०,८२५,८८७ दूयमान ८६२ | पिङ्गल ४४२ | भवदत्त
८१६ दृढप्रहारी ४०४,४४२ | पुष्कली
७८६ । भिंभिसार ५३० पुष्पचूला
भीम
८७२ देवदत्ता ८७४ | पुष्पदन्त ५३०|भूता
८८१ देवानन्द ८९९ पुष्पनन्दिन्
८७४ | मकायी द्रमक ४२४ पृथ्वीश्री ८७४ | मघवान्
८२५ द्रोणाचार्य ९०६ | पेढाल ७८८ मङ्खलि
८९७ द्वारका ४३६ | पोट्टशाल ७०८ | मणिनाग
७०८ द्वैपायन ४३६ | पोट्टिल
७८८ मथुरा ४३५,८२५,८२६,८७३ धनदेव ८७४ प्रतिबुद्धि ६८७,६८८,८१७ मधुमथन
७४४ धनमित्र ७०८ | प्रथमानुयोग
८४६ मरुदेवी ५३,५४,७९,३०६ धन्यक ८१६,८७६ | प्रदेशि
७४० मल्लदिन्न धन्वन्तरि ८७२ प्रभावती
६८८,८८१ मल्ली ३०१,६८७,६८८, ५३० प्रवचनदेवता
९०६ ६८९,६९०,८१७,८९९ नन्दिवर्धन ८७२ | प्रसन्नचन्द्र
७१ [आर्य]महागिरि ७०७,७०८
३०१
७८९
दृढरथ
८७२
m
नन्दा
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