Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Part 03
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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२३६ [सू० २००,२२४] घनोदधि-घनवात-तनुवातसमेताया: त्रिकाण्डमय्या रत्नप्रभापृथिव्याः स्वरूपम्
- त्रिकाण्डमय - रत्नप्रभा पृथ्वीसंपूर्णमान
१ स्वरकाण्ड-१६६.यो. १लाख८०ह.योजन
२ पंफकाए-८४ ह.यो.
३ जलकाण-८० ह.यो. यो, यो यो. Polynts
द्वीप
समुद्रा
असरख्या
यो. यो.यो. TITH
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पहेलो खरकाण्ड
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बीजो जलकाण्ड । पंककाण्ड
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आ
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२०६।---८०है.यो. जाडाई-74-८४ ह.योजन उच्च
योजन असंख्य असंख्य २० यो. जाडाई
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घनोदधि वलय
-
aanti
घनवात वलय
तनवात बलय
का
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आ
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