Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Part 03
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 559
________________ षष्ठं परिशिष्टम् । आचार्यश्री अभयदेवसूरिविरचितायां स्थानाङ्गटीकायामुल्लिखितानां [१] तीर्थकृदादीनां विशेषनाम्नां सूचिः विशेषनाम पृष्ठाङ्कः | विशेषनाम पृष्ठाकः | विशेषनाम पृष्ठाङ्कः अग्निद्वीपायन ७४४ | उदायन ७४० कौण्डिन्य ७०७ अङ्गारमर्दक ७२ | उदायिनृपमारक ३०७,३११ | गङ्ग ७०८ अच्छुप्त [धनपति] ९०७ उदायी ७८५ गजसुकुमार ३०६ अजितसिंह सूरि | उदुम्बर ८७२ गोत्रास ८७२ अज्झिनक ८७२ उदुम्बरदत्त ८७२ गोभद्र ८७७ अजू ८७४ ऋषभ ५३,५८,३११,४३५,५६१ गोशालक ३९६,७८७, अतिमुक्तक ८७८ ऋषभसेन ८७५,८९६-८९९ अदीनशत्रु ६८७ | एणेयक ७४० गोष्ठामाहिल ७०९ अनिलवेग ८८७ कण्डरीक ३११ गौतम ५३,२१८,२२८, अभग्नसेन ८७२,८७३ कनकरथ ८७२ २९०,४४१,६४२, अभयकुमार ४३७,४४१,८८७ | करकण्डु ७८७,८७२,८७८, अभिचन्द्र कामदेव ३०७,८७४ ८८०,८८१,८९८ अमम ७४४ कामध्वज ८७२ |चण्डकौशिक ४८२ अम्बड . ७८९ कार्तिक ८७६ चण्डप्रद्योत ४४१,७४० अर ३०१,८२६ | काल [सौकरिक] ४०३,४६९ | चन्दना १८७,४४० अरिष्टनेमि ३०६,७४४,७८८ | कालसन्दीप ७८८ | चन्द्रगुप्त ४८२ अश्वमित्र ७०७ काशीवर्धन ७४१ | चन्द्रच्छाय ६८७,६८८ आदित्ययश ३११,७३८,८८७|काष्ठहारक ८१६ चन्द्रप्रभ आनन्द [श्रावक] ४१४,८७४ | कुंथु ३०१,८२६ चाणाक्य ४४१,४८२ आनन्द [साधु] ८९७ कुन्ती ८८७ | चान्द्राकुल] ५१५,५१७ आर्यरक्षित २१८,४७३,७०९ | कुण्डकालि ८७५ चिलातिपुत्र ८६७ आर्यसुहस्ती ६६७ कुम्भ ६८९ | चुल्लशतक ८७५ आषाढ | कुम्भक ६८८,६९०,८९९ चेटक ७८८,८८१ इन्द्रभूति कूलवालक ३११ |चोक्षा ६८९ उत्पला ७८६ | कृष्ण ७४४ | जमालि ७०४ उदक ७८७ | कोणिक ७८५ |जम्बूनामा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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