Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Part 03
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 574
________________ २३३ नवमं परिशिष्टम् - चित्राणि जम्बूद्वीपत: नन्दीश्वरपर्यन्तानां द्वीप-समुद्राणां स्वरूपम् [सू० ३०७] जंबूद्वीप से नंदीश्वर CASH शाश्वत चैत्य = 44P Gतिकर मद नंदीश्वर द्वीप जिन मंदिर काका समर घृतवर समुद्र घी जैसा स्वाद जावर समुद्र निखार स्व करवरसमुह मा स्वा लाध समुद्र लक्षण समत वार रो स्वाद का अंजन ति गिरि वाद.BERS S" द्वीप १लाख योजन ME840 FREE REF यातकी खंडीयन THESE के पुष्करवर द्वीप NASEER ४ वारुणीवर नव बावन (१) ऋषमानन (२) चंद्रानन (३) वर्धमान EHTRIYA शाश्वत चैत्य ४ अंजन गिरि (४) वारिषेण १६ दधि मुख ३२ रतिकर बाप-८ नंदीश्वर शिव समुद्र बाद में असंख्य द्वीप समुद है। जंबू द्वीप से उत्तरोत्तर समुद्र और द्वीप द्विगुण माप से जानना। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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