Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Part 03
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 562
________________ षष्ठं परिशिष्टम् । २२१ विशेषनाम पृष्ठाङ्कः ४७४ सुन्दरीनन्द सुपार्श्व ७४० पृष्ठाङ्क: विशेषनाम ८१६ सुभद्रा ७८५ |सुभूम ७८९ सुरादेव ८७४,८८० सुलसा ६८८ | सुव्रत सुपाश्र्धा सुप्रतिष्ठ पृष्ठाङ्कः विशेषनाम ४४०,८९७ सुहस्ति १६९,८२५ / सूर्यकाभ ८७५ | सोमिल ७८६,७८९ | स्थूलभद्र ६६७ हरिकेशबल | हरिषेण ४८२,८८० २४३,३११,८८१ ४०३ ८२५ सुबाहु ७३६ [२] ग्रन्थ-ग्रन्थकृदादीनां विशेषनाम्नां सूचिः अनुत्तरोपपातिक ७८८,८७६, | ऋग्वेद २५६ | ठाण ८७७,८७८ औपपातिक ७८९ दशकालिक ८४ अनुप्रवाद ७०७ कप्प |दशाश्रुतस्कन्ध १०९,८७१ अनुयोगद्वार ७३५,७४७ कर्मप्रकृतिसंग्रहणि ३७७ दस अनुयोगद्वारटीका कल्पभाष्य ५१४ दीर्घदशा ८८० अन्तकृद्दशा ७४४,८७६,८७८ | कायचिकित्सा द्रुमपत्रक ४४१ अभयदेवसूरि ६१,१७२,३०२, कालिक ८४ | द्विगृद्धिदशा ८८० ७६३,९०६ | कुमारभृत्य द्वीपसागरप्रज्ञप्तिसंग्रहणि ३७९, अभयदेवाचार्य ४९८,६०१, | कुवलयमाला ८८७ ३९३ ६५०,७१२,८०९ कूरपर्वत ७७७ | नन्दी ८२० अरुणोपपात ८८२ |क्षारतन्त्र नरकावलिका ८८० असमाधिस्थान ८७८ |क्षेत्रसमास ११७ नारद [स्मृतिकार] ४३४ आचार ५,८४,४९४,८८२ |गण्डिकानुयोग ८४६ निरयावलिका आचारटीका ४६० | गोविन्दवाचक ८१६ | नियुक्ति ५९८,६६२ आचारदशा ८७१,८७८ चन्द्रप्रज्ञप्ति २१४,५८९ | नियुक्तिगाथा ४३९,५९७ आचारप्रकल्प ५४६,५५८ चूर्णि निशीथ] | निशीथ आयारपकप्प २ | चूर्णिकार [उत्तराध्ययन] ५७६ | नैपुणिक ७०७ आवश्यक ८४,१८२,८०३ जङ्गोली ७३६ | पञ्चदशस्थानोद्धारलेश ३९५ ८२५,८६० जम्बूद्वीपप्रकरण १३८,१४७ पुण्डरीक ४३८ आवश्यकव्यतिरिक्त ८४ | जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति २१३ प्रज्ञप्ति [व्याख्या] ६४५ उत्कालिक ८४ जिनेश्वर [सूरि] | प्रज्ञापना ८९,२०६,३२९,४३१ उत्तराध्ययन ८४ ज्ञाता ६८७ | प्रज्ञापनावृत्तिकृत् ५० उपासकदशा ४१४,८७४ | ज्ञाताध्ययन ८७७ प्रज्ञापनाव्याख्या १८१ ८८१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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