Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Part 03
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 570
________________ नवमं परिशिष्टम् - चित्राणि [सू० १००, २९९, ६४१] मेरुपर्वतस्य स्वरूपम् मेरु पर्वत और गतिशिल ज्योतिषचक्र lal अभिषेक + शनि ग्रह ९०० योजन पंडकवन... 4+ नक्षत्र ८८४ योजन AAP शिला + मंगळ ग्रह ८९७ योजन चंद्र ८८० योजन + गुरु ग्रह ८९४ योजन ॐ सूर्य ८०० योजन * शुक्र ग्रह ८९१ योजन * तारा ७९० योजन ...---- ----... बुध ग्रह ८८८ योजन १००० योजन ३६००० योजन सोमनस मे वन हो मेखला AWINAUMity TA AIMMMITRA HTIme AIIMS अभिजीत MImmM WIMMITIAMIAS AUDPURX L4NTIRAM Kura MATALA INAM भद्रशाल वन भद्रशाल वन ____EHATI MiAUTAM भूमिस्थाने १०००० योजन विस्तार RANE १००० योजन | ५०० योजन पहला कांड कंद विभाग १००९०. योजन १० भाग Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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