Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Part 03
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 408
________________ प्रथमं परिशिष्टम् । ६०९ / वसंत ३५० / वसते वतिसाहे ३७६ | वसा ६ वत्तं विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः | विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः वतिरोयणरन्नो २७३ वप्पो (वग्घो?) ७३६ ववहारक्खेवणी २८२ वतिरोयणिंद २७३ वमंति ४२३ ववहारवं ६०४ वतिरोसभणारातसंघयणे __ ४९४ वयणविकप्प ५८४ वसट्टमरणे वतिविणए ५८५ वयणविभत्ती २८१, ५२३ वतिसंकिलेस ७३९ वयरगोले ३३६ वतिसंजम वयस २१० | वसभ ६९३ वतिसंवर ५९८ वया १६३ वसभवीही ६९९ वतिसमिती . वयी १३ वसमाण ४३८ | वरदामे १५० २७४ वतिसुहता ५५९, ५८८ वरा ५७२ वसिट्ठ १०५, ६१८ वतिस्संति वरिसकण्हा ५५१ वसियव्वं १८५ वती __ ३२ वरिसारत्ते ५२३ वसुंधरा २७३, ३०७, ६१२, वते १६३ | वरुण ९५, २५७, २७३, ६४३, ६९३ ५५३ | ५७४, ६२५, ६८२,६८४ वसुगुत्ता ३०७, ६१२ वत्थ २३९, ४०९, ६७३ | वरुणवर ___५८० वसुदेव वत्थगंधं ५५३ वरुणोद ३८४, ५८० वसुमती वत्थपडिमा ३३१ वरुणोववाए ७५५ वसुमित्ता ३०७, ६१२ वत्थपुन्न ६७६ वरे ७६९ वसू ९५, ३०७, वत्थालंकार ३७४ वलएहिं २२४ वहमाण ३१४ वत्थु २४९,६२९,६७९,७४४ वलतमरणे | वाउआते १८२ वत्थुदोस ७४४ | वलता वाउ(काइयाणं) ३१६ वदमाण ३५४, ४२६ | वलतामुह ३०२ | वाउकुमारा वदलिताभत्ते ६९३ वल्लिपलबकोरव २४२ वाऊ ९५, ४०४ वद्धमाण ३०७ वल्लिपलबकोरवसमाणे २४२ वाएइ २५६ वद्धमाणगा ९५ ववसाते वागरमाण २३०, ३८१ वनपरिणाम २६५ ववसातसभा ४७१ वागरेति २५६ वनमंते ३४०, ४४१ ववसियस्स २२३ वाणमंतर २५७, ३१९, ३९६ ववहरमाणे ४२१ ५७९, ७५० वप्पगावती १०० ववहार १९२, २३६, वाणमंतरजोइसिया वप्पा १०० ३३७, ४२१, ५५२, वाणमंतरदेवा ६५४ वप्पे ६३७, ६८९ ७४१, ७४७ वाणारसी ७१८ ६७२ २७३ २५७ वन्निता ३१६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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