Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Part 03
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
View full book text
________________
स्थानाङ्गसूत्रान्तर्गतानां गाथाङनामकारादि
६४३
५५३ ६४३
गाथार्धम् सूत्राङ्कः | गाथार्धम् सूत्राङ्कः गाथार्धम्
सूत्राङ्कः निद्दोसं सारवंतं च ५५३ बारस दीहा मंजूससंठिता ६७३ रयणे रतणुच्चते ता ६४३ निसगुवतेसरुती आणारुती ७५१ बाला किड्डा मंदा ७७२ रयणाई सव्वरतणे ६७३ निस्सीलस्स गरहिता १६८ बितीता उण उवतेसे ६०९ रिट्ठ तवणिज कंचण नीससिऊससितसम ५५३ बुत्तिता अबुतित्ता १६८ | रिसभेणं तु एसज्जं नीहारि पिंडिमे लुक्खे ७०५ भद्दे सुभद्दे सुजाते ६८५ रुतगे रुतगुत्तमे चंदे पउमप्पभस्स चित्ता ४११ भद्दो मज्जति सरए २८१ रुप्पस्स सुवन्नस्स य ६७३ पउमावई य गोरी ६२८ भरहे वेसमणे या ६८९ रूवेण व सीलेण व २८१ पउमुत्तरे नीलवंते ६४१ भवंति कतिणो पण्णा ५५३ रेवतसरसंपन्ना ५५३ पंचमसरसंपन्ना ५५३ भीतं दुतं रहस्सं ५५३ रेवति, अस्सिणि, भरणी ९५ पंचमी त अवाताणे ६०९ भीरू तत्थुव्विग्गो २८१ रेवतित अणंतजिणो
४११ पढमित्थ विमलवाहण ५५६ | भोगंकरा भोगवती ६४३ लच्छीवती सेसवती ६४३ पन्ना चत्तालीसा ५८३ मंगी कोरव्वी या ५५३ लजाते गारवेणं च ।
७४५ पप्फोडणा चउत्थी ५०३ मज्झिमसरसंपन्ना ५५३ लभित्ता अलभित्ता य । पयावती त बंभे ६७२ मणियंगा त अणियणा ५५६ लोहस्स य उप्पत्ती ६७३ परपंडितते वाति ६७९ मत्तंगता त भिंगा ५५६ | वंजुल पलास वप्पो परिकम्मं ववहारो ७४७ मत्तंगता त भिंगा ७६६ | वत्थगंधमलंकारं
५५३ पलिओवमट्टितीता मधुगुलियपिंगलक्खो २८१ वत्थाण य उप्पत्ती
६७३ पवंचा पब्भारा
७७२ मधुरं सम सुकुमारं ५५३ वत्थु-तज्जातदोसे त ७४४ पाणिदयातवहेडं
महसीह अग्गिसीहे ६७२ | ववहार भाव जोगे ७४१ पादसमता उस्सासा ५५३ महाभीमसेणे सुगीवे य ६७२ वासं ण सम्म वासति पासस्स विसाहाओ ४११ माहणे णंदिसेणे त ७५५ वाससते वाससते पुक्खरपत्ते कुम्मे ६९३ माहे तु हेमगा गब्भा ३७६ | विजया य वेजयंती पुढविदगाणं तु रसं ४६० मिओ मज्जति हेमंते २८१ विजये वेजयंते पुण्णं रत्तं च अलंकियं ५५३ | मिगसिरमद्दा पुस्सो ___७८१ विमलघोसे सुघोसे पुरओ उदग्गधीरो २८१ मित्तदामे सुदामे ५५६ | विसमं पवालिणो ४६० पुरिमंतरंजि दसपुर ५८७ मित्तवाहणे सुभोमे ५५६ विस्सरं पुण केरिसी ? ५५३ पुव्वा य आसाढा ४११ मियापुत्ते त गोत्तासे ७५५ विस्सरं पुण पिंगला पुव्वेणं असोगवणं ३०७ मुणिसुव्वतस्स सवणो ४११ वीरंगय वीरजसे संजय ६२२ पूरेति य थलताई ४६० मुद्धाणेण य णेसातं ५५३ वेयण वेयावच्चे ५०० फाले अंबट्टपुत्ते त ७५५ मेहंकरा मेहवती ६४३ वेरुलियमणिकवाडा ६७३ फासे आणापाणू ५६१ रंगाण य धोव्वाण ६७३ वेसमणे वेरुलिते ६४३
६७३
४६० ११० ६४३ ६४३ ५५६
५५३
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588