Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Part 03
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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१८८
स्थानाङ्गसूत्रटीकायाः ग्रन्थान्तरेभ्य: साक्षितयोद्धृतानां पाठानामकारादिक्रमेण सूचिः
२१७
उद्धृतः पाठः पृष्ठाङ्कः । उद्धृतः पाठः
पृष्ठाकः असुरा नाग सुवण्णा....[प्रज्ञा०२।१७७।१३७] ४६ अहिगरणम्मि कयम्मि उ...बृहत्कल्प०६२७९] ५६३ असुराणं नागाणं ......द्वीपसागर० २२०] ८३२ अहुणा य समोयारो.... [विशेषाव० ९५६] ८ अस्थिष्वर्थाः सुखं मांसे [ ] ७९५ अहो चौलुक्यपुत्रीणां .....[ ]
३५६ अस्थिष्वर्थाः सुखं मांसे......[ ] ७३३ | आ षोडशाद्भवेद् बालो.....[ ] अस्सिणि भरणी समणो.....[ ] ८०६ | आइन्नं दिणमुक्के सो चिय...... अह अन्नो तो....विशेषाव० १५६०] १८ [आव० नि० १३५७]
८२१ अह कुणसि थुल्लवत्थाइएसु......
| आइयणछड्डणाई.....व्यवहारभा० २५७६] ५६६ विशेषाव० २५६४]
८०५ | आउयमेत्तविसिट्ठो स....विशेषाव० २०३७] ३३९ अह खंतिमद्दवज्जवमुत्तीओ.....[ध्यानश०६९] ३२४ आउलमाउलाए ....[आव० सू०] ६४९ अह पट्ठवेइ सीसं.... [व्यव०भा० ४४४१] ५४७ आगंतु गारत्थजणो....बृहत्कल्प० ३४८६] २६६ अह साहीरमाणं तु,...[व्यव०९।३८२९] २५० | आगमउवएसेणं निसग्गओ..... [ध्यानश० ६७]३२० अह सुत्ताउ त्ति मई....(विशेषाव०२३९४] ७०७ | आगमओऽणुवउत्तो...[विशेषाव० २०९१] १९१ अहवण आहाराई दाही.....[ ] ५४८ आगमओऽणुवउत्तो...विशेषाव० २९] १७४ अहवा अहपरिणामो...[ ] २१५ आगमसुयववहारो सुणह...[व्यव०भा० ४०२९]५४६ अहवा एक्केक्कियं दत्तिं......[ ] ६६२ | आगारोऽभिप्पाओ बुद्धी...(विशेषाव० ५३] १७६ अहवा जमत्थओ.....विशेषाव० १३८७] ६ | आग्नेयं भस्मना ...... ] ५८३ अहवा भंतोऽपेओ.... [विशेषाव० ३४४८] २०९ | आग्नेयं वारुणं ब्राह्म.....[ ] ५८३ अहवा भज सेवाए... [विशेषाव० ३४४६] २०९ | आचेल १ क्कुद्देसिय....बृहत्कल्प० ६३६४] २८४ अहवा भवं समाए .....[विशेषाव० ३४७८] ५५३ | आचेल १ क्कुद्देसिय...बृहत्कल्प० ६३६२] २८३ अहवा भा भाजो.... [विशेषाव० ३४४७] २०९ | आचेल १ क्कुद्देसिय...[बृहत्कल्प० ६३६२] ६४० अहवा वि य विहिगहियं .....[ ]
५५१ आचेल१क्कद्देसिय.... बहत्कल्प०६३६४) अहवा वि वए.... [ ]
२८६ आणागेज्झो अत्थो....[आव० नि० १६६९] ३६ अहवा समस्स आओ गुणाण.....
| आदावभिलाषः...... [रुद्रटकाव्यालं०१४।४] ७६९ विशेषाव० ३४८०]
५५४|आप्तवचनं प्रवचनमाज्ञा.....प्रशम० २४८] ३२० अहवा समाई सम्मत्तनाण-.....
आप्तोपज्ञमनुल्लय-.....न्याया० ९] ४४८ [विशेषाव० ३४७९]
५५३ | आबाहे दुभिक्खे भए...[बृहत्कल्प० २७३९] ५३४ अहवा सम्मइंसण-...विशेषाव० १०३७] ५३ | आभिग्गहियस्स असई... व्यवहारभा०२५२६] ५६५ अहवा सामं मेत्ती.....[विशेषाव० ३४८१] ५५४ आभिनिबोहियनाणे ....[आव० नि० १६] ३८ अहसदो जाहत्थो आङोऽभिविहीए..... | आभोगमणाभोगे ..... उत्तरा०भा० ६] ५७७ [विशेषाव० १२७९]
५५६ | आभोगे जाणतो..... [उत्तरा०भा० ७] ५७७ अहिंसा संजमो तवो [दशवै० ११] ८५१ | आय-परमोहुदीरणं .....(निशीथभा० १२१] ३५७
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