Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Part 03
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 422
________________ प्रथमं परिशिष्टम् । ७१४ सुवन्न ५८१ ५५३ १५८ ४०४ ५५८ विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः | विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः सुवण्ण ३०७ सुसेणा ४६९ सूराभ ६२५ सुवण्णकुमारावासं ४१७ सुस्सरा २७३ सूरिता ३०३ सुवण्णकूला ५५५ सुहत्थि ६४१ सूरोवराते ५९७,६७३ सुहफलविवागसंजुत्ता २८२ सेए १०५ सुवनकुमार ७२ सुहभोग ७३७ सेजंसे ३४४ सुवन्नकुमाररन्नो ४०४ | सुहविमोयतराए ५७ सेज्जपडिमा ३३१ सुवन्नकुमारावासं ३१४ सुहवेयतराए ५७ सेज्जातरपिंड ६९३ सुवन्नकुमारिंदा १०५ |सुहसेज्जा ३२५ | सेट्ठि ६९३ सुवन्नकूला १९९,५२२ सुहाते १८८ सेढि सुवन्नकूलप्पवायद्दहे सुहावह १००,२९९, सेणा २९२ सुवन्नगोले ३५० ४३४,६३७ | सेणावच्चं सुवन्नदार ३०७ सुही ३२३ सेणावति ६९३ सुवन्नागर ५९७ सुहुम ६३,१७०,५५६, सेणावती सुवनिंद ६१६,७१६,७३२ सेणावतीरतण सुवप्पा १००,६३७ सुहुमकिरिए २४७ | सेणिए ६९३ सुवयणं १४३ सुहुमसंपरायसंजम ४२८ सेणितेणं ४०४ सुहुसंपरायसरागसंजम ६२ सेतं ७५० सुविण ६०८,७१२ सुहुयहुते ६९३ सेतंकारे ७४४ सुविणदसण ४३६,६१९ सुहुयहुयासण ६९३ सेतंसि ४३७ सुविभज ३९६ सूचीकुसग्गअसंवर ७०९ सेतविता ५८७ सुव्वता ९५ सूचीकुसग्गसंवर ७०९ सेतसंखतलविमलसन्निकासे ६९३ ३२७ | सूती ६१२ सेते सुसन्नप्पा २०४ १०५,१६२,२७३, सेय ५५९,७६५ ३१७,३३८,४०१, सेयंकरा ९५ सुसमसुसमा ४०,१४५, ५५३,६१३,६९३,७५५ सेयंसे ४९२,७६६ सूरदह ४३४ | सेयकंठे ४०४ सुसाण ३९४ सूरपन्नती १६०,२७७ | सेलतता सुसाणसामंत ७१४ सूरपव्वत १००,२९९, सेलथंभ २९३ सुसामण्णताते ७५८ ४३४,६३७ सेलथंभसमाण २९३ सुसिक्खितो ५५३ सूरप्पभा २७३ | सेलवाल २५७ सुसीमा १००,६२८,६३७ सूरविमाण ६५५ | सेला ५४६ ६९१ सुविक्कमे सुव्वते ५८२ ६२२ सुसम ३४४ ५५१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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