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२९. सेवा भी सद्भाव पूर्ण! .... ३०. विरति पर विरक्तिभरी... ३१. शब्द सहना भी साधना है! ३२. पसंद-नापसंद में से मुक्ति चाहिए .. ३३. मोक्ष : यहीं पर... अभी! ३४. नये वर्ष की प्यास ....... ३५. क्या है पसंद? क्षमा या सजा? ३६. एकांत : अंगारा भी... अमृतधारा भी... ३७. आनंद की आम्रडाली ३८. सहने की शक्ति देना मेरे देव!. ३९. आनंद की अनुभूति का राजमार्ग ................ ४०. आवरण उतार दो आग्रह के ४१. पसंदगी की 'रामायण' ४२. होनी तो होकर रहे ... ४३. अलग हो अतृप्ति से. ४४. पर की आशा... सदा निराशा... ................. ४५. कोशिश... पर किसलिए? ....... ४६. कुछ भी नहीं चाहिए : सिवा तुम्हारे!.. ४७. पल-पल बदलते रिश्ते ४८. इच्छाओं से मुक्त बनें .... ४९. अपने को केवल माध्यम समझें . ५०. अभिनय जब जीवित हो उठता है। . ................ ५१. सिद्धि चाहिए या प्रसिद्धि? .. ५२. जीने का तरीका ५३. चल अकेला... चल अकेला... .. ५४. पाप तुम्हारे खोल दो ... ५५. पहले स्थिर बनिए. ५६. चलें सूक्ष्म विश्व की यात्रा पर ५७. अकेलापन अखरने न लगे ५८. बाहर नहीं... भीतर देखो..
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