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१० : श्रमण, वर्ष ६१, अंक २ / अप्रैल-जून-१०
२०. वही, पृ. ७१ २१. किसने कहा मन चंचल है, आचार्य महाप्रज्ञ, पृ २३ २२. मैं : मेरा मनः मेरी शांति, आचार्य महाप्रज्ञ, पृ ७३ २३. अध्यात्म के रहस्य, प्रस्तुति से २४. किसने कहा मन चंचल है, आचार्य महाप्रज्ञ, पृ १२-१३ २५. जैन योग, आचार्य महाप्रज्ञ, पृ १३ २६. महावीर की साधना का रहस्य, आचार्य महाप्रज्ञ, पृ. १९ २७. जैन योग, आचार्य महाप्रज्ञ, पृ ७०-७१ २८. तत्त्वार्थ सूत्र, आचार्य उमास्वाति, ९/१ २९. कर्मवाद, युवाचार्य महाप्रज्ञ, पृ. ९७ ३०. सत्य की खोज : अनेकांत के आलोक में, आचार्य महाप्रज्ञ, पृ७० ३१. महाप्रज्ञ : जीवन दर्शन, मुनि धनंजयकुमार, पृ. ५२ ३२. वही, पृ.७