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दूसरों कि मेहनत का लिया नहीं जाता कौन सी शक्ति आगे, देव की या मनुष्य की ? दूसरों का मिल जाए तो भी लेना नहीं पुण्य पर पूरा भरोसा भाग्य अजमाने के लिए सबको मौका दो वैभव-संपत्ति में डूबना नहीं दुश्मन से भी मैत्रीभाव
प्रभु मिले तो निर्भीक बनो 2. क्या बनना है ? धवल या श्रीपाल 3. मैं कौन ? श्रीपाल या श्रीकान्त ? 4. पराकाष्ठा; उपकार और अपकार की 5. अधिक क्या ? श्रीपाल को मिला वो या श्रीपाल ने
छोडा वो ? 6. मयणा (मदना) और सुरसुंदरी
कैसी है मयणा की श्रद्धा सच्चा कौन ?
तप कब पूरा होता है ? 7. एक अनुचिंतन....श्रीपाल कथा यानि अपनी
आत्मकथा 8. श्रीपाल कथा का रचना कौशल 9. किया हुआ धर्म कभी निष्फल नहीं होता 10. नवपद बनाए... भवाभिनंदी से आत्मानंदी 11. परिशिष्ट १...पूजनो में मंडल आलेखन(मांडला)
रहस्य : एक अनुचिंतन 12. परिशिष्ट २...पूजन अखंड कब बनता है ? 13. श्रीपाल कथा-प्रसंग-नामावलि संक्षिप्त में
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