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विषय कषायी जीव मुक्त नहीं हो सकता
७७ क्रियानय निरपेक्ष ज्ञाननय एव ज्ञान
निरपेक्ष क्रियानय से मुक्ति नहीं. ७७ मुक्ति को कौन प्राप्त करता है? ७७
प्रास्त्रवाधिकार प्रास्रव का स्वरूप वीतराग के प्रास्रव बध का
प्रभाव प्रास्रव का उदाहरण उदय मे प्राचुकने पर कर्म की
दशा. सत्ता में कर्म प्रास्रव का कारण
नही ज्ञानी निगनव क्यो और कब
होता है? शका-समाधान एक ज्ञातव्य रहस्य वास्तव मे रागद्वेष ही बंधकारण है ८१ बद्ध कर्म उदय मे कब आते है? ८२ ज्ञानी के निरास्रव रहने का
कारण यहाँ ज्ञानी से तात्पर्य वीतरागी सतो से है, कोरे शास्त्रज्ञानी से नही.
संवराधिकार सवर का लक्षण, कारण एव
भेद विज्ञान निदर्शन. ८५
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प्रात्मा के उपयोग की कमों से
भिन्नता. भेद विज्ञान से सवर की उपलब्धि ८५ उदाहरण जीव की प्रतिबुध्द अप्रतिबुध्द दशा. ८६ परमात्मा कौन बनता है? संवर कब और किस प्रकार
हाता है। सवर का क्रम सवर से लाभ
निर्जराधिकार सम्यग्दृष्टि के भावो की महिमा भाव निर्जरा द्रव्य निर्जरा मे ___कारण है. दृष्टात से ज्ञान सामर्थ्य प्रदर्शन शानी का स्व-पर में सामान्य
प्रतिभास. ज्ञानी का स्व-पर मे विशेष
प्रतिभास. भेद विज्ञान का माहात्म्य माही की मात्म वचना अणुमात रागी भी सम्यग्दृष्टि
नही उक्त कथन का युक्ति पुरस्सर
समर्थन. पशंका-समाधान संबोधन ज्ञान के भेद व्यवहार से है,
निश्चय से नही.